चुनाव बाद हुई हिंसा और अपने कार्यकर्ताओं व समर्थकों पर कथित हमलों के विरोध में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) द्वारा बुधवार को आयोजित विशाल रैली के दौरान पार्टी कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच झड़प हुई। भाजपा कार्यकर्ता जब शहर के बउबाजार चौक जाने की कोशिश कर रहे थे तब पुलिस ने उन्हें वहां से हटाने के लिये आंसू गैस के गोले दागे और पानी की बौछार छोड़ी।
इसके जवाब में भाजपा कार्यकर्ताओं ने नारे लगाए और अधिकारियों पर पथराव किया और बोतलें फेंकीं। प्रदर्शन में महिला कार्यकर्ता भी शामिल हैं। मुख्यालय के बाहर बीजेपी का झंडा लहराने वालीं 5 महिला कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया गया है। पुलिस कार्रवाई के विरोध में कुछ पार्टी कार्यकर्ता इलाके में धरने पर बैठे भी देखे गए।
बता दें रविवार को 24 उत्तर परगना जिले के संदेशखाली में भाजपा और सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं के बीच हिंसक झड़प हुयी थी जिसमें भाजपा के दो और सत्तारूढ़ दल के एक कार्यकर्ता की मौत हो गयी थी। इसके बाद से क्षेत्र में तनाव व्याप्त हो गया है। इससे पहले भाजपा ने दो जून को संदेशखाली में हुयी झड़प के दौरान पुलिस की भूमिका को लेकर 10 जून को 12 घंटे का बशीरहाट उप मंडल बंद का आयोजन किया था। भाजपा ने इसे काला दिवस के रुप में मनाया था। केन्द, ने लोकसभा चुनाव के खत्म होने के बाद भी पश्चिम बंगाल में जारी राजनीतिक हिंसा पर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए एक एडवाइजरी जारी की थी।
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एडवाइजरी में कहा गया था,‘‘ विगत कुछ सप्ताहों से राज्य में हो रही हिंसक घटनाओं से यह साफ हो गया है कि राज्य की कानून- व्यवस्था चौपट हो गयी है। राज्य में कानून-व्यवस्था बहाल करने और लागों की सुरक्षा के लिए सभी आवश्यक कदम उठाये जाने की सलाह दी जाती है।’’ भाजपा नेता मुकुल रॉय ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से इस्ताफा देने की मांग करते हुए कहा कि उन्होंने स्वीकार किया है कि कुछ पुलिस अधिकारी बदमाशों को शह दे रहे हैं और उनके खिलाफ कार्रवाई नहीं कर रहे हैं। श्री रॉय ने कहा कि मुख्यमंत्री के इस बयान का जिक्र करते हुए कहा कि चूंकि सुश्री बनर्जी के पास गृहमंत्रालय है और उन्होंने कहा है कि पुलिस के कुछ अधिकारी उनके आदेश का पालन नहीं कर रहे हैं, अत: उन्हें इस्तीफा दे देना चाहिए।
उन्होंने कहा,‘‘ अगर पुलिसकर्मी ममता बनर्जी की नहीं सुन रहे हैं तो उन्हें इस्तीफा दे देना चाहिए क्योंकि वह राज्य की गृहमंत्री भी हैं। यहां तक कि उनके दल के कुछ विधायक भी यही बात कह रहे हैं। उन्हें जिम्मेदारी लेते हुए अपने पद से हट जाना चाहिए।’’ श्री रॉय ने कल संदेशखाली घटना की राष्ट्रीय जांच एजेंसी से जांच कराये जाने की मांग की थी। केन्द्रीय खुफिया ब्यूरो के छह सदस्यीय दल ने 10 जून को मौके का जायजा लिया था। राज्यपाल केसरी नाथ त्रिपाठी ने रविवार को ही नयी दिल्ली पहुंच कर प्रधानमंत्री नरेन्द, मोदी और केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह को राज्य की स्थिति से अवगत कराया था।