हैदराबाद : भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के कार्यकर्ताओं ने तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चन्द्रशेखर राव के बेगमपेट स्थित सरकारी आवास का आज घेराव करने का प्रयास किया और उन पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के खिलाफ ‘‘अपमानजनक’’ भाषा का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया। हालांकि पुलिस ने मुख्यमंत्री के सरकारी आवास प्रगति भवन के बाहर कई भाजपा कार्यकर्ताओें को हिरासत में लेकर उनके प्रयास को विफल कर दिया। भाजपा की शहर इकाई ने पांच मार्च को ‘चलो प्रगति भवन’ का आहवान किया था। पार्टी के बड़ी संख्या में कार्यकर्ता आवास परिसर के निकट इकट्टा हुए और पुलिस के कार्रवाई करने पर सड़क पर बैठ गये। इसके बाद पुलिस भाजपा कार्यकर्ताओं को वाहनों से ले गई।
डीसीपी (पश्चिमी क्षेत्र) ए वेंकटेश्वर राव ने पीटीआई-भाषा से कहा,‘‘ पुलिस ने प्रगति भवन को घेरने के भाजपा कार्यकर्ताओें के प्रयास को विफल कर दिया और कई कार्यकर्ताओं को एहतियातन हिरासत में लिया।’’ पंजागुट्टा पुलिस स्टेशन के निरीक्षक एस रवीन्द्र ने बताया कि विधायक सी रामचन्द्र रेड्डी समेत 455 प्रदर्शनकारियों को एहतियातन हिरासत में लिया गया और इसके बाद उन्हें रिहा कर दिया गया। राव से ‘‘बिना शर्त माफी’’ की मांग करते हुए प्रदर्शनकारियों ने कहा कि जब तक टीआरएस प्रमुख अपना ‘‘बयान’’ वापस नहीं लेते है तब तक उनका प्रदर्शन जारी रहेगा।
तेलंगाना भाजपा ने एक बयान में कहा कि राज्य इकाई के अध्यक्ष के लक्ष्मण, पार्टी विधायकों जी किशन रेड्डी, एनवीवीएस प्रभाकर, टी राजा सिंह लोध और विधानपरिषद सदस्य एन रामचन्द्र राव को पुलिस ने ‘‘नजरबंद’’ रखा। भाजपा ने दावा किया है कि राव ने राज्य में हाल में अपनी जनसभाओं के दौरान प्रधानमंत्री और केन्द्र सरकार के खिलाफ ‘‘आपत्तिजनक’’ भाषा का इस्तेमाल किया और ‘‘आपत्तिजनक’’ बयान दिये थे। हालांकि राव ने पिछले सप्ताह कहा था कि उन्होंने प्रधानमंत्री के खिलाफ कुछ भी गलत नहीं कहा और उनके खिलाफ कभी भी किसी अभद्र भाषा का इस्तेमाल नहीं किया।
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