रायपुर : छत्तीसगढ़ में अगले वर्ष होने वाले विधानसभा चुनाव में मिशन 65 प्लस का लक्ष्य लेकर मैदान में उतरी भाजपा अब संगठन के पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं के फीडबैक के आधार पर चुनावी रणनीति बनाएगी । बस्तर और सरगुजा कि 26 में से सिर्फ 11 सीटों पर पार्टी के विधायक हैं । वर्ष 2008 में विधानसभा सभा चुनाव में भाजपा ने कांग्रेस के खाते में गई 15 में से 11 सीटों पर जीत दर्ज की थी ऐसे में पार्टी को उम्मीद है कि वर्तमान विधानसभा सीट के साथ पिछले चुनाव में जीती सीटों को कब्जे में कर लिया जाए तो आदिवासी बेल्ट की 26 में से 22 सीट पर पार्टी को सफलता मिल सकती है ।
वर्ष 2013 के चुनाव में पार्टी को जीत मैदानी इलाकों से मिली थी जबकि 2008 के चुनाव में आदिवासी इलाकों में पार्टी की सीट ज्यादा थी ऐसे में पार्टी के रणनीतिकार मान रहे हैं कि इस चुनाव में आदिवासी बहुल और मैदानी इलाकों में पकड़ होने पर ही प्रदेश में चौथी बार सरकार बन सकेगी। भाजपा संगठन ने बस्तर और सरगुजा की 26 विधानसभा सीटों की समीक्षा पूरी कर ली है इसमें कार्यकर्ताओं ने ना सिर्फ मंत्रियों और विधायकों के कामकाज पर नाराजगी दिखाई बल्कि केंद्र और राज्य सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं के सही तरीके से लागू नहीं होने पर भी घेरा।
भाजपा के सूत्रों की माने तो कार्यकर्ताओं में काफी उत्साह है लेकिन जनप्रतिनिधियों की कार्यशैली को लेकर नाराजगी भी कोई कम नहीं है इसे दूर करने के लिए ही पार्टी के वरिष्ठ नेता सीधे कार्यकर्ताओं के बीच पहुंच रहे हैं और उनकी नाराजगी को दूर करने का उपाय खोज रहे हैं। प्रदेश में विधानसभा चुनाव में मिशन 65 प्लस का लक्ष्य लेकर मैदान में उतरी भाजपा अब संगठन के पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं के फीडबैक के आधार पर चुनावी रणनीति बनायेगी। वर्ष 2013 में भारतीय जनता पार्टी को जीत मैदानी इलाकों से मिली थी रणनीतिकार मान रहे हैं कि आदिवासी और मैदानी इलाकों में मजबूत पकड़ होने पर ही चौथी बार सरकार बन सकेगी।
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