रायपुर: चुनावी मिशन को लेकर छत्तीसगढ़ में सत्ताधारी दल ने नए सिरे से कवायदें तेज की है। 65 सीटों के लक्ष्य को लेकर भाजपा ने निचले स्तर पर संगठन में रणनीति के तहत काम शुरू कर दिया है। मंडल स्तर पर मैदान में कार्यकर्ताओं को काम पर लगाने के साथ कड़े निर्देश दिए गए हैं। इस दौरान अब मंडल स्तर पर केवल बैठकों के बजाए संबंधित क्षेत्रों के आम लोगों से भी चर्चा करने के निर्देश दिए गए हैं। आम लोगों से चर्चा कर उन्हें सरकार की उपलब्धियां बताने के साथ विकास कार्यों की भी जानकारी दी जाएगी। आम लोगों से संवाद के जरिए सरकार के खिलाफ नाराजगी भी दूर करने की कोशिशें होगी।
रणनीति को अमलीजामा पहनाने के लिए मंडल स्तर पर प्रभारियों को भी डेरा डालना होगा। सभी जिलों के प्रभारियों से इस पर सहमति ली गई है। जिले के प्रभारी लगातार मंडलों का दौरा कर टोह लेंगे। वहीं पूरी रिपोर्ट प्रदेश संगठन को सौंपेंगे। इस मामले में पूर्व में भी निर्देश दिए गए थे, लेकिन इसका कोई खास असर नहीं हुआ था। ऐसी शिकायतें सामने आई थी कि ज्यादातर जिलों के प्रभारी मंडल स्तर पर नहीं पहुंच रहे हैं।
केवल जिला मुख्यालयों में ही बैठकें कर खानापूर्ति हो रही है। चुनावी मिशन को लेकर संगठन की कार्यसमिति में लगातार मंथन का दौर चल रहा है। वहीं विधानसभावार सीटों की स्थिति पर भी रिपोर्ट ली जा रही है। भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने नए सिरे से रिपोर्ट ली थी। वहीं दूसरी ओर संगठन के पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं को काम पर लगाया था।
इधर बूथ मैनेजमेंट के जरिए भी आम लोगों को जोडऩे और पार्टी के पक्ष में माहौल बनाने कहा गया था। कुछ जिलों में ही इसका असर नजर आया, जबकि ज्यादातर जिलों में ऐसी स्थिति नहीं बनी। इस बार भाजपा संगठन की ओर से बाकायदा फरमान जारी कर ताकीद की गई है। माना जा रहा है कि अब जिला प्रभारी सीधे मंडलों में ही डेरा डालेंगे। वहीं उनकी रिपोर्ट के आधार पर ही भावी रणनीति भी तय होगी।