भाजपा ने राहुल गांधी के बयान पर तंज कसते हुए कहा कि कांग्रेस से सवाल किया कि अगर यह (लॉकडाउन) समाधान नहीं है तब कांग्रेस शासित राज्यों ने केंद्र की घोषणा से पहले ही बंदी की अवधि क्यों बढ़ायी। भाजपा के संगठन मंत्री बी एल संतोष ने ट्वीट किया, ‘‘राहुल गांधी के अनुसार लॉकडाउन समाधान नहीं है.... तब कांग्रेस और उसके द्वारा समर्थित सरकारों के मुख्यमंत्रियों ने पहले ही लॉकडाउन बढ़ाने की घोषणा क्यों की ? ’’
गौरतलब है कि महाराष्ट्र में कांग्रेस पार्टी वहां गठबंधन सरकार का हिस्सा है और राज्य ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लॉकडाउन बढ़ाने की घोषणा से पहले ही 30 अप्रैल तक बंदी को बढ़ा दिया था। पंजाब में भी कांग्रेस सत्ता में है और वहां भी प्रधानमंत्री मोदी के लॉकडाउन को 3 मई तक बढ़ाने की घोषणा से पहले ही बंदी की अवधि को बढ़ा दिया गया था । प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था कि अधिकांश मुख्यमंत्रियों ने महामारी से मुकाबला करने के लिये लॉकडाउन का समर्थन किया था ।#LockDown is not the solution acc to @RahulGandhi ... Then why did the CMs of @INCIndia Cong partnered govts extend the lock down first ...?
— B L Santhosh (@blsanthosh) April 16, 2020
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने बृहस्पतिवार को कहा कि लॉकडाउन से कोरोना वायरस संकट का स्थायी समाधान नहीं होगा, बल्कि बड़े पैमाने पर और रणनीतिक रूप से जांच से ही इस वायरस को पराजित किया जा सकता है। उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी से यह आग्रह भी किया कि राज्यों और जिलों को पर्याप्त संसाधन मुहैया कराए जाएं।
राहुल ने कहा, ''लॉकडाउन कोई समाधान नहीं है। यह वायरस को पराजित नहीं करता है। यह सिर्फ कुछ समय के लिए रोकता है। जब हम लॉकडाउन से बाहर आएंगे तो वायरस फिर से जोर पकड़ सकता है। इसलिए इसे पराजित करने का सबसे बड़ा हथियार जांच है।''
राहुल ने लॉकडाउन को बताया पॉज बटन, सोशल डिस्टेंसिंग और कोरोना टेस्ट में तेजी लाने पर दिया जोर
भाजपा ने अपने ट्विटर हैंडल पर आंकड़ा जारी करते हुए जोर दिया कि भारत गंभीर रूप से प्रभावित देशों की तुलना में कोविड-19 को काफी हद तक रोक सका और प्रति 10 लाख आबादी पर केवल 9 मामले सामने आए और प्रति 10 लाख आबादी पर 0.3 मौत हुई है । इसमें कहा गया है कि कोरोना वायरस से संक्रमित 12 हजार मामलों को देखें तब भारत में इसके फैलने की रफ्तार गंभीर रूप से प्रभावित देशों की तुलना में काफी कम है ।