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कालेधन को सफेद करने का घोटाला था नोटबंदी : कांग्रेस

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आठ नवंबर, 2016 को नोटबंदी की घोषणा की जिसके तहत, उन दिनों चल रहे 500 रुपये और एक हजार रुपये के नोट चलन से बाहर हो गए थे। 

कांग्रेस ने नोटबंदी के दो साल पूरा होने के मौके पर शुक्रवार को नरेंद्र मोदी सरकार पर फिर हमला बोला और आरोप लगाया कि यह कालेधन को सफेद करने का घोटाला था। पार्टी ने यह भी कहा कि भाजपा को यह बताना चाहिए कि नोटबंदी से हुए भारी आर्थिक नुकसान के लिए कौन जिम्मेदार है। कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने एक बयान में कहा ‘‘ 8 नवंबर, 2016 को प्रधानमंत्री मोदी ने ‘नोटबंदी’ की तबाही को आर्थिक क्रांति का नया सूत्र बताते हुए तीन कारण दिए – सारा काला धन पकड़ा जाएगा, फर्जी नोट पकड़े जाएंगे, आतंकवाद व नक्सलवाद खत्म हो जाएगा।…लेकिन आरबीआई की रिपोर्ट कहती है कि 99 फीसदी नोट जमा हो गए।’’

उन्होंने नकली नोट पर लगाम लगने के दावे को ‘भाजपाई जुमला’ करार देते हुए कहा, ‘‘अब भाजपा को बताना चाहिए कि भारी आर्थिक नुकसान का जिम्मेदार कौन है?’’ सुरजेवाला ने दावा किया, ‘‘नोटबंदी से ठीक पहले भाजपा व आरएसएस ने सैकड़ों करोड़ रुपये की संपत्ति पूरे देश में खरीदी। क्या भाजपा व आरएसएस को नोटबंदी के निर्णय की जानकारी पहले से थी? क्या कारण है कि भाजपा व आरएसएस ने इतने सैकड़ों व हजारों करोड़ की संपत्ति खरीदी व इसे सार्वजनिक करने से इंकार कर दिया?

क्या इसकी जाँच नहीं होनी चाहिए?’’ उन्होंने आरोप लगाया कि ‘नोटबंदी कालेधन को सफेद करने का घोटाला था।’ दरअसल, कांग्रेस ने नोटबंदी के खिलाफ शुक्रवार को राष्ट्रव्यापी प्रदर्शन किया। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने इसी विषय को लेकर बृहस्पतिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर जमकर हमला बोला था और आरोप लगाया था कि मोदी सरकार का यह कदम खुद से पैदा की गई ‘त्रासदी’ और ‘आत्मघाती हमला’ था जिससे प्रधानमंत्री के ‘सूट-बूट वाले मित्रों’ ने अपने कालेधन को सफेद करने का काम किया। गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आठ नवंबर, 2016 को नोटबंदी की घोषणा की जिसके तहत, उन दिनों चल रहे 500 रुपये और एक हजार रुपये के नोट चलन से बाहर हो गए थे।

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