बंबई हाई कोर्ट ने शीना बोरा हत्याकांड मामले में गिरफ्तार पूर्व मीडिया प्रमुख पीटर मुखर्जी को बृहस्पतिवार को जमानत दे दी। इसके साथ ही कोर्ट ने कहा कि प्रथम दृष्टया मुखर्जी के खिलाफ अपराध में शामिल होने के सबूत नहीं है।
न्यायमूर्ति नितिन सांबरे ने मुखर्जी को दो लाख रुपये के मुचलके पर जमानत दी। इसके साथ ही कोर्ट ने मुखर्जी को निर्देश दिया कि वह अपनी बेटी विधि, बेटे राहुल मुखर्जी और मामले के अन्य गवाहों से कोई संपर्क नहीं करेंगे।
कोर्ट ने हालांकि, सीबीआई के अनुरोध पर अपने आदेश पर छह हफ्ते की रोक लगा दी ताकि जांच एजेंसी फैसले के खिलाफ अपील दायर कर सके।
पीटर मुखर्जी को शीना बोरा की हत्या करने के आरोप में 19 नवंबर 2015 को गिरफ्तार किया गया था। इस मामले में उनकी पत्नी इंद्राणी मुखर्जी मुख्य आरोपी हैं।
कोर्ट ने आदेश में कहा कि प्रथम दृष्टया अपराध में शामिल होने को लेकर मुखर्जी के खिलाफ कोई सबूत नहीं है।
न्यायमूर्ति सांबरे ने कहा, ‘‘ जब अपराध हुआ, तब आवेदक (पीटर मुखर्जी) भारत में नहीं था। मामले की पहले ही सुनवाई चल रही है। आवेदक चार साल से अधिक समय से कारावास में है और हाल में उसकी बाईपास सर्जरी हुई है।’’
कोर्ट ने कहा,‘‘ मामले में सरकारी गवाह बने श्यामवर राय के बयान के अलावा किसी भी सबूत में मुखर्जी का उल्लेख नहीं है। कोई और सबूत भी नहीं है जो साजिश में उनके शामिल होने का संकेत करता हो।’’
न्यायमूर्ति सांबरे ने कहा, सीबीआई के आरोपों के मुताबिक 24 अप्रैल 2012 को हत्या हुई और अपराध में इंद्राणी मुखर्जी और उसके पूर्व पति संजीव खन्ना की सीधी संलिप्तता थी।
कोर्ट ने कहा, ‘‘ सीबीआई ने इस बात का जवाब नहीं दिया कि पीटर मुखर्जी को अन्य आरोपियों (इंद्राणी और खन्ना) की गिरफ्तारी के छह महीने के बाद क्यों आरोपी बनाया गया।’’
कोर्ट ने अभियोजन पक्ष के उस तर्क को भी खारिज कर दिया कि पीटर मुखर्जी शीना बोरा और अपने बेटे राहुल मुखर्जी के रिश्तों से नाखुश थे और इसलिए हत्या की साजिश रची।
न्यायमूर्ति सांबरे ने कहा, ‘‘अदालत के समक्ष आवेदक (मुखर्जी) और राहुल मुखर्जी के बीच ई-मेल है और यह विश्वास करना मुश्किल है कि पीटर का अपराध में शामिल होने का कोई इरादा था।’’
न्यायाधीश ने कहा, ‘‘आवेदक एक जिम्मेदार पिता की तरह केवल अपने बेटे को समझाने की कोशिश कर रहे थे।’’
कोर्ट ने इस तथ्य को भी संज्ञान में लिया कि मामले की सुनवाई चल रही है।
कोर्ट ने अपने आदेश में कहा, ‘‘ आवेदक चार साल से अधिक समय तक जेल में है और हाल में उसकी बाईपास सर्जरी हुई है। इन परिस्थितियों पर विचार करने के बाद अदालत जमानत मंजूर कर रही है।’’
कोर्ट ने पीटर मुखर्जी को निर्देश दिया कि वह अपना पासपोर्ट सीबीआई के पास जमा कराए।
सीबीआई के मुताबिक पीटर मुखर्जी ने इंद्राणी मुखर्जी, इंद्राणी के पूर्व पति संजीव खन्ना के साथ मिलकर शीना की हत्या करने की साजिश रची। 24 वर्षीय शीना बोरा इंद्राणी मुखर्जी के पहले संबंध से पैदा हुई बेटी थी।
इस हत्या का खुलासा 2015 में तब समय हुआ जब इंद्राणी मुखर्जी के ड्राइवर श्यामवर राय को एक अन्य मामले में गिरफ्तार किया गया । राय बाद में शीना बोरा हत्याकांड में सरकारी गवाह बन गया। इंद्राणी और खन्ना भी अप्रैल 2015 से ही जेल में कैद हैं।