बंबई उच्च न्यायालय ने विशेष एनआईए अदालत से बृहस्पतिवार को कहा कि वह सितम्बर 2008 के मालेगांव विस्फोट मामले में मुकदमे की सुनवाई जल्द से जल्द पूरी करे। इस मामले में भाजपा सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर मुख्य आरोपी हैं।
न्यायाधीशों ने कहा कि न तो अभियोजन पक्ष और न ही आरोपी को मुकदमे की सुनवाई में विलंब करना चाहिए।
न्यायमूर्ति रणजीत मोरे की अध्यक्षता वाली पीठ आरोपी समीर कुलकर्णी की याचिका पर सुनवाई कर रही थी। कुलकर्णी ने दावा किया कि सुनवाई काफी धीरे चल रही है क्योंकि अभियोजन हर दिन केवल एक गवाह को समन करता है।
कुलकर्णी ने कहा, ‘‘अगर गवाह सुनवाई के लिए नहीं आ पाता है तो पूरा दिन खराब हो जाता है। यहां तक कि आरोपी भी कोई न कोई आवेदन दायर करते रहते हैं जिससे स्थगन होता है।’’
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) के वकील संदेश पाटिल ने अदालत को सूचित किया कि अभी तक अभियोजन पक्ष के 128 गवाहों की गवाही पूरी हुई है जबकि 369 और गवाहों की गवाही होनी है।
अदालत ने संक्षिप्त दलीलें सुनने के बाद विशेष अदालत को निर्देश दिया कि वह जल्द से जल्द सुनवाई पूरी करे।
अदालत ने याचिका का निपटारा करते हुए कहा, ‘‘हम नहीं चाहते कि अभियोजन और आरोपी सहित कोई भी मुकदमे की सुनवाई की प्रक्रिया में विलंब करने का प्रयास करे।’’
उत्तर महाराष्ट्र के सांप्रदायिक रूप से संवेदनशील शहर मालेगांव में एक मस्जिद के निकट 29 सितम्बर 2008 को एक मोटरसाइकिल में लगे बम के विस्फोट होने से छह लोगों की मौत हो गई थी और सौ अन्य व्यक्ति जख्मी हो गए थे।