रायपुर: छत्तीसगढ़ में रमन सरकार के ने किसानों के बोनस के मामले में फिर से नया दांव चल दिया है। मुख्यमंत्री रमन सिंह ने आगामी चुनावी वर्ष में दीवाली से पहले किसानों को धान का बोनस वितरण कर देने की घोषणा कर हलचल मचा दी। हालांकि सरकार ने बकाए पांच साल के बोनस को लेकर फिलहाल कोई निर्णय नहीं लिया है। इसके बावजूद इस कार्यकाल में दो साल का बोनस जरूर किसानों को मिल पाएगा। प्रोत्साहन राशि के तौर पर सरकार इसे किसानों में बांटेगी।
आगामी चुनावी साल में सरकार का यह फैसला राजनीतिक नजरिए से भ्ीा अहम माना जा रहा है। इस मामले में सरकार ने नए सिरे से तैयारियां शुरू कर दी है। राजय में आगामी वर्ष दीवाली के दौरान ही विधानसभा चुनाव की छाया रहेगी। यही वजह है कि सरकार इसे पहले ही वितरित कर देने की तैयारियों में है।
चुनावी साल में ही मुख्यमंत्री रमन सिंह की विकास यात्रा का आगाज होगा। चुनाव आचार संहिता प्रभावी होने से पहले मुख्यमंत्री अपनी विकास यात्रा के दौरान ही किसानों को बोनस का वितरण कर सकते हैं। प्रदेश में कर्ज में डूबे किसानों की आत्महत्या के बढ़ते ग्राफ के चलते घिर सरकार के लिए यह बड़ा डैमेज कंट्रोल होगा। बीते साल से लेकर इस साल भी छत्तीसगढ़ में बड़ी तादाद में किसानों ने खुदकुशी की है।
विपक्ष ने किसानों की आत्महत्या का ही मुद्दा बनाते हुए पूरे पांच साल का बोनस देने की मांग कर वादा याद दिलाया है। मुख्यमंत्री की यह घोषणा राष्ट्रपति की मौजूदगी में राज्योत्सव के मंच पर हुई है। इसलिए भी फैसले को अहम माना जा रहा है। मौजूदा खरीफ वर्ष में किसानों की समर्थन मूल्य में धान खरीदी के बाद आगामी साल में इसकी प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। ऐसी स्थिति में इस साल किसानों के पंजीयन के साथ खरीदी के रकबे में भी बढ़ोतरी के संकेत हैं। हालांकि प्रदेश में इस वर्ष सूखे की वजह से भी रकबे में बढ़ोतरी और पैदावार को लेकर संशय की स्थिति है।