BRS : तेलंगाना में भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) के विधायक प्रकाश गौड़ शुक्रवार को कांग्रेस में शामिल हो गए, जिससे सत्तारूढ़ पार्टी में शामिल होने वाले विपक्षी विधायकों की कुल संख्या आठ हो गई।
राजेंद्रनगर से निर्वाचित गौड़ का मुख्यमंत्री और कांग्रेस की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष ए. रेवंत रेड्डी ने कांग्रेस में स्वागत किया।
ऐसी अटकलें लगाई जा रही हैं कि आने वाले दिनों में बीआरएस के और विधायक सत्तारूढ़ पार्टी में शामिल होंगे।
पिछले वर्ष हुए विधानसभा चुनावों में बीआरएस ने कुल 119 विधानसभा क्षेत्रों में से 39 पर जीत हासिल की थी, जबकि कांग्रेस 64 सीट जीतकर सत्ता में आई थी।
सिकंदराबाद छावनी से बीआरएस विधायक जी लास्या नंदिता की इस साल की शुरुआत में सड़क दुर्घटना में मौत हो गई थी। हाल ही में हुए उप-चुनाव में कांग्रेस ने वहां से जीत हासिल की। इससे कांग्रेस के विधायकों की संख्या बढ़कर 65 हो गई।
बीआरएस के आठ विधायकों के कांग्रेस में शामिल होने के साथ ही उसके विधायकों की संख्या 73 हो गई।
हाल में बीआरएस के छह विधान पार्षद भी सत्तारूढ़ कांग्रेस में शामिल हो गए। इसके साथ ही 40 सदस्यीय विधान परिषद में कांग्रेस के विधायकों की संख्या 10 हो गई है।
इस बीच, विधायक दानम नागेन्द्र ने शुक्रवार को दावा किया कि बीआरएस के पास आने वाले दिनों में कुछ ही विधायक बचेंगे। नागेन्द्र कांग्रेस में शामिल होने वाले पहले बीआरएस विधायक थे।
दलबदल विरोधी कानून के तहत विधायकों को अयोग्य ठहराए जाने की बीआरएस की मांग पर नागेन्द्र ने कहा कि पार्टी को ऐसा करने का अधिकार है। उन्होंने हालांकि दावा किया कि बीआरएस जल्द ही अपनी ताकत खो देगी।
बीआरएस के कार्यकारी अध्यक्ष के.टी. रामाराव ने इससे पहले विधायकों के दलबदल को लेकर लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी पर हमला किया था और उनसे पूछा था कि क्या यही वह तरीका है जिससे वह संविधान की रक्षा करेंगे। तेलंगाना में भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) के विधायक प्रकाश गौड़ शुक्रवार को कांग्रेस में शामिल हो गए, जिससे सत्तारूढ़ पार्टी में शामिल होने वाले विपक्षी विधायकों की कुल संख्या आठ हो गई।
राजेंद्रनगर से निर्वाचित गौड़ का मुख्यमंत्री और कांग्रेस की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष ए. रेवंत रेड्डी ने कांग्रेस में स्वागत किया।
ऐसी अटकलें लगाई जा रही हैं कि आने वाले दिनों में बीआरएस के और विधायक सत्तारूढ़ पार्टी में शामिल होंगे।
पिछले वर्ष हुए विधानसभा चुनावों में बीआरएस ने कुल 119 विधानसभा क्षेत्रों में से 39 पर जीत हासिल की थी, जबकि कांग्रेस 64 सीट जीतकर सत्ता में आई थी।
सिकंदराबाद छावनी से बीआरएस विधायक जी लास्या नंदिता की इस साल की शुरुआत में सड़क दुर्घटना में मौत हो गई थी। हाल ही में हुए उप-चुनाव में कांग्रेस ने वहां से जीत हासिल की। इससे कांग्रेस के विधायकों की संख्या बढ़कर 65 हो गई।
बीआरएस के आठ विधायकों के कांग्रेस में शामिल होने के साथ ही उसके विधायकों की संख्या 73 हो गई।
हाल में बीआरएस के छह विधान पार्षद भी सत्तारूढ़ कांग्रेस में शामिल हो गए। इसके साथ ही 40 सदस्यीय विधान परिषद में कांग्रेस के विधायकों की संख्या 10 हो गई है।
इस बीच, विधायक दानम नागेन्द्र ने शुक्रवार को दावा किया कि बीआरएस के पास आने वाले दिनों में कुछ ही विधायक बचेंगे। नागेन्द्र कांग्रेस में शामिल होने वाले पहले बीआरएस विधायक थे।
दलबदल विरोधी कानून के तहत विधायकों को अयोग्य ठहराए जाने की बीआरएस की मांग पर नागेन्द्र ने कहा कि पार्टी को ऐसा करने का अधिकार है। उन्होंने हालांकि दावा किया कि बीआरएस जल्द ही अपनी ताकत खो देगी।
बीआरएस के कार्यकारी अध्यक्ष के.टी. रामाराव ने इससे पहले विधायकों के दलबदल को लेकर लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी पर हमला किया था और उनसे पूछा था कि क्या यही वह तरीका है जिससे वह संविधान की रक्षा करेंगे।