लखनऊ : बहुजन समाज पार्टी अध्यक्ष मायावती ने आज कहा कि बसपा अब आगामी किसी भी उपचुनाव में गोरखपुर एवं फूलपुर लोकसभा उपचुनाव की तरह सक्रिय भागीदारी नहीं करेगी। बसपा द्वारा जारी बयान में कहा गया कि पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ बैठक में बसपा अध्यक्ष ने कहा कि उत्तर प्रदेश, राजस्थान, मध्य प्रदेश एवं गुजरात में जनता में भाजपा की वादाखिलाफी का कड़वा सबक सिखाना शुरू कर दिया है। अगले लोकसभा चुनाव में वीवीपीएटी अर्थात मतदान फोटो पर्ची की नई व्यवस्था के कारण भाजपा अपनी पुरानी धांधलियों को दोहरा नहीं पायेगी। उत्तर प्रदेश के राजनीतिक हालात एवं सामाजिक समीकरण पर मायावती ने कहा कि बहुत मजबूरी में ही सही अगर सर्वसमाज के गरीब, उपेक्षित एवं शोषित लोग एकजुट होकर वोट के अपने अन्तिम हथियार का सही राजनीतिक इस्तेमाल करके सत्ता की मास्टर चाबी अपने हाथ में हासिल कर लेते हैं तो एक ”कल्याणकारी सरकार’’ का सपना पूरा हो सकता है। इससे पहले आज सुबह बसपा सुप्रीमो मायावती ने मीडिया से कहा कि भारतीय जनता पार्टी के लोग सपा व बसपा की आई नजदीकी को लेकर बहुत बयानबाजी कर रहे हैं। यह नजदीकी, अपने स्वार्थ के लिए नहीं हैं बल्कि हमने देश एवं जनहित में इसका फैसला लिया है।
उन्होंने कहा, ”राज्यसभा चुनाव के फैसले के बाद भी सपा बसपा के बीच तालमेल बरकरार रहने पर अब भाजपा के लोग बहुत बुरी तरह से बौखलाये हैं। ये लोग बयानबाजी कर रहे हैं तो उन्हें बताना चाहती हूँ कि हमारी यह नजदीकी, अपने स्वार्थ के लिए नहीं बन रही हैं बल्कि केन्द्र व खासकर भाजपा शासित राज्यों में इनकी गलत-नीतियों एवं गलत कार्यशैली की वजह से है।” उन्होंने कहा कि ”भाजपा के लोग सपा एवं बसपा के लोगों को कितना भी भड़काने की कोशिश क्यों ना कर लें, तो भी ये लोग इनके बहकावे में कतई भी आने वाले नहीं हैं।’’ उन्होंने केंद्र सरकार को निशाना बनाते हुये कहा, ”प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कल मन की बात कार्यक्रम में केवल वोटों की राजनीति के लिये बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर का नाम इस्तेमाल किया है।’’ मायावती ने कहा कि इसकी पुष्टि हैदराबाद के दलित छात्र रोहित बेमुला काण्ड, गुजरात के ऊना दलित उत्पीड़न काण्ड और सहारनपुर जिले के शब्बीरपुर गाँव में हुये दलित उत्पीड़न काण्ड से स्पष्ट हो जाती है।
देश की हर छोटी-बड़ी खबर जानने के लिए पढ़े पंजाब केसरी अखबार।