जैसे जैसे बजट पेश होने का समय नजदीक आ रहा है पूरे देश की निगाहें अरुण जेटली के बजट पिटारे पर टिकी हुई है। इस सर्वे में वित्त वर्ष 2019 में जीडीपी ग्रोथ के 7 से 7.5 फीसद रहने की अनुमान लगया है। वहीं मौजूदा वित्त वर्ष में आर्थिक विकास दर के 6.75 फीसद रहने का अनुमान है। आर्थिक सर्वे में महंगे क्रूड को अर्थव्यवस्था के लिहाज से सबसे बड़ी चिंता बताया गया है। सबसे ज्यादा चर्चा इस बात की है की इस बार आम आदमी के लिए सरकार क्या कुछ लेकर आती है। सरकार इस समय आम जनता को लेकर कई बड़े मुद्दों पर घिरी हुई है जिसमे रोजगार जहाँ एक तरफ सबसे बड़ा मुद्दा बनकर सामने आ रहा है वहीँ पेट्रोल – डीजल की बढती कीमतें भी सरकार का सिरदर्द बढ़ा रही है।
जैसा की आज प्रधानमंत्री जी ने अपने भाषण में कहा इस बजट 2018 में आम आदमी का खास ख्याल रखा गया है तो जाहिर सी बात है लोगों की उम्मीदें काफी बढ़ गयी है। जो मुख्य राहत इस बार आम आदमी सबसे ज्यादा सरकार से चाहता है वो हम आपको बता देते है।
1. रोजगार : विपक्ष से लेकर आम जनता सरकार से यही जवाब मांग रही है की जो वायदे मोदी सरकार ने किए थे उनका क्या हुआ। 2 करोड़ रोजगार में से सरकार कितने रोजगार दे पायी है ये भी अहम् मुद्दा है।
2.पेट्रोल – डीजल की कीमतें : सरकार के सामने इस समय पेट्रोल – डीजल की कीमतें बड़ी समस्या बनती जा रही है। दामों को लेकर ये सफाई दी जा रही है की वैश्विक स्तर पर पेट्रोलियम प्रोडक्ट्स के दाम बढ़ने से ये तेज़ी आ रही है पर क्या आम जनता इसस संतुष्ट हो पायेगी।
3.टैक्स दरों में बदलाव : इस समय टैक्स को लेकर आम जनता में असंतोष है और टैक्स स्लेब में बदलाव करने की मांग भी तेज हो रही है। सरकार आयकर छूट की सीमा 2.5 लाख से बढ़ाकर तीन लाख करे ये भी बड़ा मुद्दा है।
4.स्वास्थ्य सेवाओं में लाभ : देश की स्वास्थ्य सेवाओं में जहाँ एक तरफ खास सुधार नहीं दिख रहा है वही पिछले दिनों डेंगू के इलाज के लिए 15 लाख रुपये तक का बिल लिए जाने की खबरें भी आई थीं। मोदी सरकार के द्वारा मेडिकल अलाउंस पर टैक्स छूट लाना अच्छी खबर हो सकती है।
5.निवेश और इंशोरेंस : निवेश और बचत सम्बन्धी टैक्स दरों में भी छूट बढाने की उम्मीद की जा रही है। माना ये भी जा रहा है की सरकार इसका दायरा मौजूदा 1.5 लाख रुपये से बढ़ाकर 2 लाख रुपये करेगी।
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