कई बहुचर्चित मामलों की जांच के बोझ से दबे केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) के लिए अगले वित्त वर्ष के केंद्रीय बजट में 802 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है जो चालू वित्तवर्ष के मुकाबले महज चार करोड़ रुपये अधिक है। वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा शनिवार को पेश आम बजट में सीबीआई के लिए 2019-20 के 798 करोड़ के मुकाबले 2020-2021 में 802.19 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं।
यह राशि पिछले साल के मुकाबले महज 0.5 फीसदी अधिक है। अधिकारियों ने बताया कि सीमित मानव संसाधन के साथ एजेंसी प्रत्यर्पण के मामलों को देख रही है और घरेलू स्तर पर भ्रष्टाचार, बैंक घोटाले एवं विशेष आपराधिक मामलों की जांच कर रही है।
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वित्तवर्ष 2019-2020 में सीबीआई को शुरुआत में 781.01 करोड़ रुपये आवंटित किए गए थे। यह राशि बाद में संशोधित कर 798 करोड़ रुपये कर दी गयी थी। बजट दस्तावेज में कहा गया, यह प्रावधान केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो के अवस्थापना संबंधी खर्च के लिए गए हैं, जो लोक सेवकों, व्यक्तियों और कंपनियों के खिलाफ गंभीर भ्रष्टाचार और अन्य जघन्य अपराधों की जांच और अभियोजन की जिम्मेदारी निभा रही है।’’
बजट दस्तावेज के मुताबिक एजेंसी की विभिन्न परियोजाओं जैसे सीबीआई ई-गवर्नेंस, प्रशिक्षण केंद्रों का आधुनिकीकरण, तकनीकी और फॉरेंसिक सहायता इकाइयों की स्थापना, विस्तृत आधुनिकीकरण, भूमि खरीद और कार्यालय या आवास के निर्माण आदि के लिए भी राशि का आवंटन इसमें शामिल है।