नयी दिल्ली : वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज संसद में बजट पेश करते हुए केंद्रीय बजट में विदेश मंत्रालय के लिये 17,300 करोड़ रूपये का आवंटन किया गया है जिसमें सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण ईरान स्थित चाबहार बंदरगाह परियोजना के लिये 100 करोड़ रूपये का प्रावधान किया गया है। चाबहार बंदरगाह ईरान के जरिये भारत को अफगानिस्तान में पहुंच सुलभ करायेगा ।
आज संसद में पेश किए गए वित्त वर्ष 2020-21 के बजट में विभिन्न देशों को सहायता में वित्त वर्ष 2019-20 की तुलना में 56 करोड़ रूपये की कमी आई है । यह 2019-20 में 6,963 करोड़ रूपये के संशोधित अनुमान की तुलना में 2020-21 में घटकर 6,907 करोड़ रूपया हो गया है ।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश बजट प्रस्तावों में नेपाल को सहायता में 400 करोड़ रूपये की कटौती की गई है और यह 2019-20 के 1200 करोड़ रूपये की तुलना में 2020-2021 में 800 करोड़ रूपये रह गयी है । म्यामां को आवंटन 2019-20 के 170 करोड़ रूपये की तुलना में अगले वित्त वर्ष में बढ़कर 300 करोड़ रूपये किया गया है।
सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण चाबहार बंदरगाह में 2019-20 के संशोधित अनुमानों में बजट शून्य था और इस परियोजना के वास्ते अगले वित्त वर्ष के लिये 100 करोड़ रूपये का आवंटन रखा गया है । भूटान के लिये आवंटन 2019-20 में 2674.51 करोड़ रूपये से बढ़कर 2020-21 में 2,884.65 करोड़ रूपये हो गया है । मालदीव के लिये आवंटन में 75 करोड़ रूपये की कमी दर्ज की गई है ।
वित्त वर्ष 2020-21 के बजट प्रस्तावों में अफ्रीकी देशों के लिये सहायता आवंटन 350 करोड़ रूपये , बांग्लादेश एवं श्रीलंका के लिये 200 करोड़ रूपये, सेशेल्स के लिये 140 करोड़ रूपये तथा लैटिन अमेरिकी देशों के लिये 20 करोड़ रूपये एवं मंगोलिया के लिये दो करोड़ रूपये किया गया है । वीवीआईपी यात्रा के संदर्भ में एयर इंडिया विमानों के रखरखाव के वास्ते अगले वित्त वर्ष के लिये 150 करोड़ रूपये का प्रावधान किया गया है ।