केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्वाकांक्षी 508 किलोमीटर लंबी अहमदाबाद-मुंबई हाई स्पीड ट्रेन परियोजना पर सक्रिय रूप से काम किया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि खराब होने वाले सामानों के परिवहन के लिए पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) के जरिए ‘किसान रेल’ शुरू की जाएगी।
लोकसभा में केंद्रीय बजट 2020-21 पेश करते हुए, सीतारमण ने कहा, ‘मई में सत्ता में आने के बाद 100 दिनों के भीतर मानव रहित क्रॉसिग को खत्म कर दिया गया। 550 स्टेशनों पर वाईफाई शुरू किया गया है और 27,000 किलोमीटर ट्रैक के विद्युतीकरण का लक्ष्य है।’
उन्होंने कहा कि रेलवे के पास परिचालन अधिशेष कम है। उन्होंने कहा, ‘भारतीय रेलवे के बारे में पांच उपाय हैं, जिन पर मैं प्रकाश डालना चाहती हूं। रेलवे के स्वामित्व वाली रेल पटरियों के किनारे की भूमि पर बड़ी सौर ऊर्जा क्षमता स्थापित करना। इस पर प्रस्ताव विचाराधीन है।’
राष्ट्रीय वाहक ने अपने खर्चो को कम करने के लिए सौर ऊर्जा के इस्तेमाल करने की योजना बनाई है। रेलवे की योजना 2030 तक सौर ऊर्जा में आत्मनिर्भर बनने की है।
उन्होंने कहा, ‘चार स्टेशन पुनर्विकास परियोजनाओं और 150 यात्री ट्रेनों का संचालन पीपीपी मोड के माध्यम से किया जाएगा। निजी भागीदारी को आमंत्रित करने की प्रक्रिया चल रही है।’
रेलवे ने पहले ही निजी कंपनियों को परियोजना के लिए बोली लगाने के लिए आमंत्रित किया है।
अब तक निजी कोरोबारी जैसे टाटा रियल्टी एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड, बॉम्बार्डियर, हुंडई रोटेम कंपनी, सीएएफ इंडिया, हिताची इंडिया और साउथ एशिया, एस्सेल ग्रुप, अडानी पोर्ट्स व सेज, टैल्गो, सीमेंस लिमिटेड, एल्सटॉम ट्रांसपोर्ट व अन्य ने रेलवे परियोजना में रुचि दिखाई है।
उन्होंने कहा, ‘तेजस की तरह की ज्यादा ट्रेनें प्रतिष्ठित पर्यटन स्थलों को जोड़ेंगी। मुंबई-अहमदाबाद के बीच हाई स्पीड ट्रेन को के कार्य को सक्रियता से आगे बढ़ाया जाएगा।’
रेलवे ने पहले ही दो तेजस ट्रेनों को अपने खानपान शाखा इंडियन रेल कैटरिंग एंड टूरिज्म कॉरपोरेशन (आईआरसीटीसी) को दो मार्गों पर चलाने के लिए उपलब्ध कराया है।