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मंत्रिमंडल ने अटल नवाचार मिशन को जारी रखने की मंजूरी दी

इंक्यूबेटरों की स्थापना से 5,000-6,000 नवाचार स्टार्टअपों का पोषण हो सकेगा और नये इंक्यूबेटरों की स्थापना से इसकी संख्या में और अधिक वृद्धि होगी। 

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने अटल नवाचार मिशन (एआईएम) जारी रखने को बृहस्पतिवार को मंजूरी प्रदान कर दी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्‍यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में इस आशय के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। स्कूली स्तर पर बड़ी सफलता को ध्यान में रखते हुए, 10,000 स्कूलों के लिये अटल टिंकरिंग लैबों के विस्तार के लिये अटल नवाचार मिशन द्वारा वर्ष 2019-20 तक 1,000 करोड़ रूपये तक की लागत पूरी करने को अपनी मंजूरी दी गई।

सरकारी विज्ञप्ति के अनुसार, अटल नवाचार मिशन के तहत देश में नवाचार को बढ़ावा देने और समर्थन करने के लिये बहुविध कार्यक्रम शामिल हैं। इसके तहत हजारों स्कूलों में अत्याधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित अटल टिंकरिंग लैब स्थापित किये जा रहे हैं । विश्वविद्यालयों और उद्योगों के लिये विश्वस्तरीय अटल इंक्यूबेशन केंद्र (एआईसी) और अटल कम्युनिटी इनोवेशन केंद्र (एसीआईसी) स्थापित किये जा रहे हैं। इसके तहत अटल न्यू इंडिया चैलेंज (एएनआईसी) के माध्यम से राष्ट्रीय प्रासंगिकता और सामाजिक महत्व के क्षेत्रों में उत्पाद विकास को बढ़ावा देना है।

प्रत्येक एटीएल को पहले वर्ष में 12 लाख रूपये का अनुदान दिया जाता है और एटीएल उपकरणों के रखरखाव तथा संचालनात्मक खर्चें के तौर पर अगले चार वर्षों के लिये अधिकतम 2 लाख रूपये प्रतिवर्ष दिये जाते हैं। प्रत्येक चयनित अटल इंक्यूबेशन केंद्र (एआईसी) को प्रतिवर्ष के हिसाब से 3 से 5 वर्षों में अधिकतम 10 करोड़ रूपये का अनुदान दिया जायेगा, जो उपलब्धियों की समीक्षा और प्रमाण के आधार पर होगा। अटल न्यू इंडिया चैलेंज (एएनआईसी) के तहत इन्नोवेटरों को वाणिज्यीकरण और प्रौद्योगिकी अनुदान के रूप में अधिकतम 1 करोड़ रूपये दिये जायेंगे।

 मिशन के तहत अनेक सशक्त और अग्रगामी कदम उठाय़े गये हैं, जैसे अटल टिंकरिंग लैब और अटल इंक्यूबेशन केंद्र। इन पर काफी जोर दिया गया है। अटल नवाचार मिशन की मदद और तकनीकी सहायता से भारत सरकार के कई मंत्रालयों/विभागों ने नवाचार से जुड़ी गतिविधियां शुरू की हैं।

 अटल टिंकरिंग लैब कार्यक्रम के तहत, 2020 तक 10,000 से अधिक स्कूलों में इन लैबों की स्थापना होने की संभावना है। देशभर में 100 से अधिक अटल इंक्यूबेशन केंद्र स्थापित होने की संभावना हैं, जिससे पहले के 5 वर्षों में कम से कम प्रत्येक 50-60 स्टार्टअपों को सहायता मिलेगी। प्रत्येक इंक्यूबेटर के माध्यम से हर 4 वर्ष में प्रोद्योगिकी चालित 50-60 नवाचार स्टार्टअपों का पोषण होने की आशा है। इस प्रकार 100 से अधिक इंक्यूबेटरों की स्थापना से 5,000-6,000 नवाचार स्टार्टअपों का पोषण हो सकेगा और नये इंक्यूबेटरों की स्थापना से इसकी संख्या में और अधिक वृद्धि होगी।

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