रायपुर : छत्तीसगढ़ के चुनावी मिशन और राजनीतिक दांवपेंच के बीच प्रत्याशियों को लेकर कवायदें तेज हो गई है। सत्ताधारी दल भाजपा और कांग्रेस दोनों ही दलों ने अपने लिए योग्य प्रत्याशियों की तलाश शुरू कर दी है। हालांकि प्रत्याशी चयन की पूरी एक्सरसाइज गोपनीय तौर पर वल रही है। इसके बावजूद दोनों ही दलों में इस बार सतर्कता बरती जा रही है। दरअसल, भाजपा और कांग्रेस संगठन के अपने अपने आंतरिक सर्वे में चौंकाने वाली रिपोर्ट सामने आई है।
इनमें कई मौजूदा विधायकों के परफार्मेंस को कमजोर आंका गया है। यही वजह है कि रणनीतिकारों ने इस बार पूरी गोपनीयता के साथ्ज्ञ प्रत्याशी चयन में गंभीरता बरती है। सत्ताधारी दल भाजपा में ज्यादातर नए चेहरों पर दांव लगाने की तैयारी है। वहीं इसके लिए निजी एजेंसियों के साथ संगठन ने भी जोर लगाया है। तय मापदंडों के तहत सक्रिय और युवा चेहरों के साथ क्षेत्र में लोकप्रियता का भी आंकलन किया जा रहा है।सूत्र दावा करते हैं कि कुछ सीटों पर कवायदें पूरी कर ली गई है।
इधर आंतरिक सर्वे में दो से तीन मंत्रियों की टिकट काटने की भी सिफारिशों की चर्चा है। ऐसी स्थिति में संगठन योग्य और जीत की क्षमता वाले प्रत्याशियों की तलाश में जुटा है। दूसरी तरफ विपक्ष कांग्रेस ने भी कोई कसर बाकी नहीं छोड़ी है। वहीं पीसीसी की कवायदों पर दिल्ली दरबार की पूरी नजर है।
हालांकि आलाकमान ने इस मामले में कांग्रेस संगठन को फ्री-हैंड दिया हुआ है। साथ ही खुद भी नए शक्ति प्रोजेक्ट के जरिए दावेदारों पर नजर रखी है। सूत्रों की मानें तो कांग्रेस आलाकमान ने प्रदेश संगठन को निचले स्तर से नाम लाए जाने के निर्देश दिए हैं। यही वजह है कि इस बार बायोडाटा प्रथा पर रोक लगी हुई है। वहीं निचले स्तर पर ही ब्लाक कमेटियों को दावेदारी लेकर अभिमत के साथ भेजने के निर्देश दिए गए हैं। माना जा रहा है कि कांग्रेस ने करीब 50 सीटों में प्रत्याशी चयन की कवायदें पूरी कर ली है।