(एजेंसियों से इनपुट के साथ)
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ED action on Alamgir Alam: ED ने बृहस्पतिवार को दिए जानकारी में कहा कि झारखंड के मंत्री आलमगीर आलम के सचिव के नौकर के फ्लैट से जब्त 32.2 करोड़ रुपये की नकदी मंत्री से संबंधित है। और यह उन्हें अपने विभाग में प्रत्येक टेंडर से 1.5 फीसदी का तयशुदा कमिशन मिलता था।
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ईडी ने यह दावा तब किया, जब उसने कांग्रेस नेता आलम (74) को धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) की विशेष अदालत के समक्ष पेश किया। आलम को एजेंसी ने बुधवार को यहां गिरफ्तार कर लिया। प्रभात कुमार शर्मा की विशेष अदालत ने उन्हें छह दिन की ईडी हिरासत में भेज दिया है। गौरतलब है कि आलम झारखंड विधानसभा में पाकुड़ सीट का प्रतिनिधित्व करते हैं।
ईडी ने 6 मई को आलम के निजी सचिव संजीव कुमार लाल और उनके घरेलू सहायक जहांगीर आलम के परिसर पर छापा मारा था और जहांगीर के नाम पर एक फ्लैट से कुल 32.2 करोड़ रुपये बरामद किए थे। इस मामले में कुल 37.5 करोड़ रुपये की जब्ती की गई। ईडी ने मंत्री की रिमांड का अनुरोध करते हुए अदालत को बताया, ''यह पता लगाया गया है कि जहांगीर आलम के नाम पर पंजीकृत फ्लैट से जब्त 32.2 करोड़ रुपये की नकदी आलमगीर आलम से संबंधित है और इसे जहांगीर ने संजीव कुमार लाल के निर्देश पर एकत्र किया था, जो आलमगीर आलम के लिए ऐसा कर रहे थे।''
ED ने कहा कि ग्रामीण विकास विभाग के मंत्री आलमगीर के निजी सचिव संजीव कुमार लाल के पास 'लेटरहेड' पर कई आधिकारिक दस्तावेजों की मौजूदगी से साबित होता है कि संजीव कुमार लाल इस परिसर का इस्तेमाल आलमगीर से जुड़े दस्तावेजों, रिकॉर्ड, नकदी और अन्य सामानों को रखने के लिए कर रहे थे।
ED ने आरोप लगाया कि लाल आलमगीर आलम और अन्य की ओर से एकत्रित ''कमीशन का हिसाब किताब रखते थे।'' जांच एजेंसी ने कहा, '' संजीव कुमार लाल निविदाओं के प्रबंधन और इंजीनियरों से कमीशन के संग्रह में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते रहे हैं, साथ ही कमीशन का एक हिस्सा सरकार के उच्च अधिकारियों को बांटा गया।''
ईडी ने कहा, ''ग्रामीण विकास विभाग के ऊपर से नीचे तक कई अधिकारी इस सांठगांठ में शामिल रहे हैं और भारी भुगतान आमतौर पर नकद में प्राप्त किया जाता था जिसे बाद में सफेद कर दिया जाता था, जिसका खुलासा करने की जरूरत है।'' एजेंसी ने कहा कि उसने पिछले साल ग्रामीण विकास विभाग के पूर्व मुख्य अभियंता वीरेंद्र कुमार राम को गिरफ्तार किया था। ईडी ने कहा, ''वीरेंद्र कुमार राम निविदा आवंटन और काम के निष्पादन के मामले में कमीशन एकत्र करते थे और उक्त कमीशन का 1.5 प्रतिशत हिस्सा मंत्री आलमगीर आलम को पहुंचाया जाता था।''
बता दें यह मामला तकरीबन सितंबर 2020 का धन शोधन मामला झारखंड पुलिस की भ्रष्टाचार निरोधक शाखा (जमशेदपुर) के मामले और दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा द्वारा मार्च 2023 में राज्य ग्रामीण कार्य विभाग के पूर्व मुख्य अभियंता वीरेंद्र कुमार राम और कुछ अन्य के खिलाफ दर्ज की गई प्राथमिकी से संबंधित है ।