सीबीआई की आर्थिक अपराध शाखा ने 2016 में भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की विभिन्न धाराओं के तहत भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत के आधार पर मामला दर्ज किया था। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने 280 करोड़ रुपये के बैंक ऋण धोखाधड़ी मामले में दक्षिण मुंबई के एक नेता बिल्डिंग हरेश मेहता को गिरफ्तार किया है। अधिकारियों के मुताबिक, हरेश मेहता रोहन लाइफ स्पेसेज लिमिटेड और रोहन कंस्ट्रक्शन्स लिमिटेड के मालिक हैं और सालों से फरार चल रहे थे। सीबीआई ने कहा, “आरोपी हरेश मेहता को बैंक ऋण धोखाधड़ी मामले में गिरफ्तार किया गया है और सक्षम अदालत में पेश किया गया है।”
जांच शुरू की गई थी
अधिकारियों ने कहा, “आईपीसी की धारा 120 बी 420 और 467, 468 और 471 और कई अन्य धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया था।” अधिकारियों ने आगे उल्लेख किया कि राजपूत रिटेल लिमिटेड (आरआरएल) नामक एक फर्म के सरकारी कर्मचारियों और निदेशकों सहित कई आरोपियों के खिलाफ एसबीआई से शिकायत मिलने के बाद 2016 में जांच शुरू की गई थी। उन्होंने कहा, “शिकायत में कहा गया है कि फर्म आरआरएल के निदेशकों ने एसबीआई से ऋण लिया और बैंक को 280 करोड़ रुपये का चूना लगाया।”
हम मामले की आगे जांच कर रहे हैं
सीबीआई जांच के मुताबिक, हरेश मेहता ने कर्ज लेकर फर्जी कंपनियां बनाईं और फिर 155 करोड़ रुपये की कर्ज राशि शेल कंपनियों को ट्रांसफर कर दी। सीबीआई के एक अधिकारी ने कहा, ‘भारतीय स्टेट बैंक के कई कर्मचारी भी इस ऋण घोटाले में शामिल हो सकते हैं।’ उन्होंने कहा, “हम मामले की आगे जांच कर रहे हैं।” सूत्रों के मुताबिक, हरेश मेहता के अदालत में जमानत अर्जी दाखिल करने की संभावना है, जिसका सीबीआई सोमवार को ठाणे में सीबीआई की विशेष अदालत में विरोध करेगी। इससे पहले उनके खिलाफ राज्य आर्थिक अपराध शाखा में जमीन घोटाले का मामला भी दर्ज किया गया था।