रूस-यूक्रेन मानव तस्करी मामले में CBI ने 4 लोगों को किया गिरफ्तार

रूस-यूक्रेन मानव तस्करी मामले में CBI ने 4 लोगों को किया गिरफ्तार
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सीबीआई ने 7 मई को कथित तौर पर मानव तस्करी नेटवर्क में शामिल होने के आरोप में दो लोगों को गिरफ्तार किया, जिसने भारतीयों को रूस-यूक्रेन युद्ध क्षेत्र में धकेल दिया था। तस्कर भारतीय युवाओं को रूस में अवसरों का लालच दे रहा था लेकिन उनके पासपोर्ट जब्त करने के बाद उन्हें रूस-यूक्रेन क्षेत्र में जबरदस्ती धकेला जाता था। CBI ने दो संदिग्धों को गिरफ्तार किया, जो केरल के तिरुवनंतपुरम के रहने वाले अरुण और येसुदास जूनियर के रूप में हुई है। इससे पहले 24 अप्रैल को इस मामले में दो अतिरिक्त संदिग्धों, निजिल जोबी बेन्सम और एंथोनी माइकल एलंगोवन को हिरासत में लिया गया था। तस्कर लोगों को विदेश में आकर्षक रोजगार देने के वादे के साथ कमजोर युवाओं को लुभाते थे। यूट्यूब और स्थानीय संपर्कों जैसे सोशल मीडिया का उपयोग करके तस्करों ने भारतीय नागरिकों को रूस में अधिक भुगतान देने वाली नौकरियों का झांसा देकर लोगों को फंसाया जाता था। पूछताछ से पता चला कि तस्करी किए गए व्यक्तियों को युद्ध में जाने के लिए मजबूर किया गया और उनकी इच्छा के विरुद्ध रूस-यूक्रेन युद्ध क्षेत्र में तैनात किया गया। इस तरह शोषण ने उनके जीवन को खतरे में डाल दिया, जिससे कुछ लोगों को गंभीर चोटें भी आई।

सीबीआई ने ट्रैवल एजेंटों के एक बड़े रैकेट का भंडाफोड़ किया है, जो अवैध आवाजाही की सुविधा देने में शामिल थे। निजी वीजा कंसल्टेंसी फर्मों और एजेंटों के खिलाफ मानव तस्करी का मामला दर्ज किया है। सीबीआई ने बताया कि इन एजेंटों का नेटवर्क भारत के कई राज्यों और उसके बाहर फैला हुआ है। तस्करी अभियान का मुख्य आरोपी निजिल जोबी बेन्सम हैं, जिसने भारतीय लोगों को रूसी सेना में भर्ती कराने में प्रमुख भूमिका निभाई है। वहीं एक और आरोपी एंथोनी माइकल एलंगोवन ने दुबई में रह रहे सह-आरोपी फैसल बाबा और रूस में रहने वाले अन्य लोगों को चेन्नई में वीजा की प्रक्रिया और पीड़ितों के लिए हवाई यात्रा की व्यवस्था करने में मदद की थी। और दूसरी तरफ सीबीआई द्वारा केरल से गिरफ्तार किए गए अरुण और येसुदास जूनियर की पहचान रूसी सेना के लिए मुख्य भर्तीकर्ताओं के रूप में की गई है।

सीबीआई ने आरोप लगया है कि आरोपी व्यक्तियों ने अपने एजेंटों के माध्यम से भारतीय नागरिकों को बेहतर जीवन और शिक्षा के लिए रूसी सेना, सुरक्षा गार्ड और सहायकों से संबंधित नौकरियां दिलाने के बहाने रूस में तस्करी की और उनसे बड़ी रकम वसूली गई। हालांकि इस तरह हो रहे अंतरराष्ट्रीय मानव तस्करी नेटर्वक की जांच अभी भी जारी है, अधिकारी सक्रिय रूप से इस ऑपरेशन में शामिल अन्य लोगों की तलाश कर रही हैं।

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