केन्द्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के अधिकारियों ने शारदा चिट फंड घोटाला मामले में भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के अधिकारी अर्णव घोष से बुधवार को करीब 10 घंटे तक पूछताछ की तथा उन्हें गुरुवार को फिर से पेश होने को कहा है।
पश्चिम बंगाल के आपराधिक जांच विभाग (सीआईडी) के पूर्व प्रमुख श्री घोष राज्य सरकार की ओर से शारदा चिट फंड घोटाले की जांच के लिए गठित किए गए विशेष जांच दल (एसआईटी) में दूसरे नंबर के अधिकारी थे। पश्चिम बंगाल सरकार ने बिधाननगर के तत्कालीन पुलिस अधीक्षक (एसपी) राजीव कुमार के नेतृत्व में एसआईटी का गठन किया था।
सूत्रों के मुताबिक श्री घोष सुबह करीब 10 बजे सीजीओ कॉम्पलेक्स में सीबीआई के साल्ट लेक कार्यालय पहुंचे तथा कई चरणों में पूछताछ के बाद शाम 1940 बजे वह जांच एजेंसी के कार्यालय से बाहर निकले। सीबीआई ने मंगलवार शाम को आईपीएस अधिकारी को नोटिस जारी किया था।
सूत्रों के मुताबिक श्री घोष से गुरुवार को भी सुबह 10 बजे से पूछताछ की जाएगी। वह सीबीआई की ओर से जारी कई समन से बचने के बाद बुधवार को जांच एजेंसी के समक्ष पेश हुए थे।
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने वर्ष 2013 में शारदा चिट फंड घोटाले की जांच के लिए बिधाननगर के तत्कालीन पुलिस अधीक्षक (एसपी) राजीव कुमार के नेतृत्व में एसआईटी का गठन किया था। उच्चतम न्यायालय की ओर से इस मामले की जांच को सीबीआई को सौंपे जाने से पहले श्री घोष एसआईटी में दूसरे नंबर के अधिकारी थे। इससे पहले सीबीआई ने मंगलवार को एसआईटी के निरीक्षक प्रभाकर नाथ से भी गहरी पूछताछ की।
सीबीआई ने कोलकाता पुलिस के पूर्व आयुक्त राजीव कुमार पर इस मामले में एजेंसी को महत्वपूर्ण दस्तावेज उपलब्ध नहीं कराने और गुमराह करने का आरोप लगाया है।
सीबीआई ने रविवार को राजीव कुमार को नोटिस जारी कर सोमवार सुबह 10 बजे तक उसके सामने पेश होने के लिए कहा था, लेकिन आईपीएस अधिकारी ने पेश होने के लिए कुछ समय और मांगा था। वह पिछले सोमवार से छह दिन की छुट्टी पर हैं।
श्री कुमार को लोकसभा चुनावों के आखिरी चरण में चुनाव आयोग ने सीआईडी के एडीजी पद से हटाकर उन्हें केंद्रीय गृह मंत्रालय में तैनात कर दिया था। पर ममता सरकार ने आदर्श चुनाव आचार संहिता के हटने के तुरंत बाद ही रविवार को श्री कुमार को पुराने पद पर नियुक्त कर दिया था लेकिन वह यहां भवानी भवन स्थित अपने कार्यालय में नहीं पहुंचे।