देश में सार्वजनिक क्षेत्र के सबसे बड़े बैंक भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने बैंक धोखाधड़ी के मामलों में पिछले पांच महीनों में 147 लुक आउट सर्कुलर (एलओसी) जारी करने का अनुरोध किया है। एक आरटीआई अर्जी के जवाब में बैंक ने यह जानकारी दी। आंकड़ों के मुताबिक स्टेट बैंक ने ‘आव्रजन ब्यूरो’ से इस साल अप्रैल से एलओसी जारी करने का अनुरोध करना शुरू किया।
बैंक ने पुणे के आरटीआई कार्यकर्ता विहार दर्वे द्वारा सूचना का अधिकार (आरटीआई) कानून के तहत दायर एक अर्जी के जवाब में बताया कि अप्रैल और अगस्त के बीच उसने (बैंक ने) 147 व्यक्तियों के खिलाफ एलओसी जारी करने का अनुरोध किया, ताकि उन्हें देश छोड़ने से रोका जा सके।
जवाब में कहा गया कि 12 अक्टूबर 2018 को गृह मंत्रालय ने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों और प्रबंध निदेशकों को उन लोगों की सूची में शामिल किया, जो देश छोड़ कर भागना चाह रहे अपराधियों के खिलाफ एलओसी जारी करने का अनुरोध कर सकते हैं।
पिछले साल दिसंबर में संसद में दिए गए आंकड़ों के मुताबिक करीब 49 आर्थिक अपराधी देश छोड़कर विभिन्न देशों में भाग गए और सरकार उन्हें वापस लाने की कोशिश कर रही है। भगोड़े शराब कारोबारी विजय माल्या, हीरा कारोबारी मेहुल चौकसी और उसका भांजा नीरव मोदी, उद्योगपति नितिन एवं चेतन संदेसरा उन 58 आर्थिक अपराधियों में शामिल हैं, जिनके खिलाफ सीबीआई, प्रवर्तन निदेशालय और अन्य एजेंसियों जांच कर रही थी और जो देश छोड़कर भाग गए।
इसके बाद पिछले साल सार्वजनिक बैंक के शीर्ष अधिकारियों को यह अधिकार दिया गया कि वे एलओसी जारी करने का अनुरोध कर सकते हैं, लेकिन भारतीय बैंक संघ ने इस संबंध में दिशानिर्देश इस साल मार्च में तैयार किए। दर्वे ने इस बारे में जानकारी हासिल करने के लिए वित्त मंत्रालय से संपर्क किया था, हालांकि वित्त मंत्रालय ने उनकी अर्जी को गृह मंत्रालय और सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के पास भेज दिया।
एसबीआई ने दर्वे को अपने जवाब में कहा कि उसने 147 एलओसी के लिए अनुरोध किये जबकि यूनियन बैंक ऑफ इंडिया ने जवाब दिया कि यह सूचना उसके पास नहीं है। यूको बैंक ने कहा कि उसने एलओसी जारी नहीं किये, जबकि पंजाब ऐन्ड सिंध बैंक ने कहा कि उसके प्रबंध निदेशक और सीईओ को एलओसी जारी करने का अधिकार दिया गया है लेकिन ऐसा कोई डेटा उपलब्ध नहीं है।
बैंक ऑफ बड़ौदा ने कहा कि यह सूचना उससे संबद्ध नहीं है और केनरा बैंक ने कहा कि इस अवधि में उसने एलओसी का कोई अनुरोध नहीं किया। वित्त वर्ष 2018-19 में बैंकिंग क्षेत्र में धोखाधड़ी के 6,801 मामले सामने आए, जिसमें शामिल कुल धनराशि 71,542.93 करोड़ रुपये थी।