भारत की चीन के साथ तनातनी जारी है। वहीं लगातार सुरक्षा बलों को मजबूत करने की कोशिश में हैं। इस बीच सुरक्षा मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने 48 हजार करोड़ रूपये की लागत से तेजस लड़ाकू विमानों की खरीद को मंजूरी दी । रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल समिति की बैठक में करीब 48,000 करोड़ रुपये की लागत से तेजस विमान खरीदने को मंजूरी दी । यह सौदा भारतीय रक्षा विनिर्माण में आत्मनिर्भरता के लिए एक गेम चेंजर होगा।
उन्होंने कहा कि सुरक्षा मामलों की समिति ने वायु सेना के लिए 83 हल्के लड़ाकू विमान तेजस की खरीद को मंजूरी दे दी है। अब तक के सबसे बड़े घरेलू सैन्य सौदे पर 48 हजार करोड़ रूपये की लागत आने की संभावना है। ये विमान रक्षा क्षेत्र के सरकारी उपक्रम एचएएल से खरीदे जायेंगे। उन्होंने कहा कि यह सौदा रक्षा विनिर्माण के क्षेत्र में देश के लिए आत्मनिर्भरता की दिशा में ‘गेम चेंजर’ साबित होगा।
तेजस लड़ाकू विमान आने वाले वर्षों में भारतीय वायुसेना के लड़ाकू बेड़े की रीढ़ बनेगी। एलसीए-तेजस में बड़ी संख्या में नई प्रौद्योगिकियां शामिल हैं, जिनमें से कई का भारत में कभी प्रयास नहीं किया गया था। एलसीए-तेजस की स्वदेशी सामग्री एमके 1 ए संस्करण में 50% है जिसे 60% तक बढ़ाया गया है। उन्होंने कहा कि एचएएल ने पहले ही अपने नासिक और बेंगलुरु डिवीजनों में दूसरी पंक्ति की विनिर्माण सुविधाएं स्थापित की हैं। संवर्धित बुनियादी ढांचे से लैस एचएएल एलसीए-एमके 1 ए उत्पादन को भारतीय वायुसेना के लिए समय पर वितरित करेगा।
रक्षा मंत्री ने कहा कि आज लिया गया निर्णय वर्तमान एलसीए पारिस्थितिकी तंत्र का काफी विस्तार करेगा और नौकरी के नए अवसर पैदा करने में मदद करेगा। एचएएल LCA Mk1A प्रोग्राम में एक सिस्टम इंटीग्रेटर मॉडल का अनुसरण करता है और एक छतरी संगठन के रूप में कार्य करता है, जो प्राइवेट इंडस्ट्री में विनिर्माण और डिजाइन क्षमताओं को बढ़ावा देता है।उन्होंने कहा कि एलसीए-तेजस प्रोग्राम भारतीय एयरोस्पेस मैन्युफैक्चरिंग इकोसिस्टम को एक जीवंत आत्मानिभर इकोसिस्टम में बदलने के लिए उत्प्रेरक का काम करेगा। मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इस ऐतिहासिक फैसले के लिए को धन्यवाद देता हूं।