कांग्रेस ने यूक्रेन स्थित भारत के दूतावास द्वारा भारतीय नागरिकों को तत्काल कीव छोड़ने की सलाह दिए जाने के बाद मंगलवार को केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि युद्धग्रस्त देश में फंसे हजारों भारतीय नागरिकों की मदद करने के बजाय उन्हें ‘आत्मनिर्भर’ बनने की सलाह दी जा रही है।
पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट किया,‘‘जिंदगी और मौत के बीच हज़ारों भारतीयों को, उनकी ‘सहायता’ करने के बजाय केवल ‘आत्मनिर्भर बनने की सलाह’? बीते 5 दिनों से मोदी सरकार यूक्रेन में हज़ारों बच्चों को बस यहां से वहां भगा रही है? तबाही के मंज़र में भला बाहर कैसे निकलें, दूरी कैसे तय करें और कहां जायें ? बच्चों की ज़िन्दगी से खिलवाड़ कब तक?’’
निकासी अभियान को लेकर कांग्रेस ने साधा केंद्र पर निशाना
बता दें कि इससे पहले कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि युद्धग्रस्त यूक्रेन से भारतीय नागरिकों को निकालने की प्रक्रिया एक जनसंपर्क अभ्यास नहीं है। राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने एक ट्वीट में कहा, भारत ने कभी भी अपने नागरिकों को नहीं छोड़ा है और हमेशा उन्हें युद्ध क्षेत्रों से बाहर निकाला है।
उन्होंने कहा कि भारत ने खाड़ी युद्ध, कुवैत, 1991 में 150,000 से ज्यादा लोगों को निकाला था, ऑपरेशन सुकून के तहत 2006 में लेबनान से 2,300 लोगों को निकाला था और ऑपरेशन होम कमिंग, 2011 में लीबिया से 15,000 को निकाला था और 2015 में ऑपरेशन राहत के तहत 4,650 को बाहर निकाला था। प्रधानमंत्री को याद रखना चाहिए कि लोगों को बाहर निकालना उनका कर्तव्य है, इसके लिए पीआर नहीं करना चाहिए।
भारतीय दूतावास ने सभी नागरिकों को कीव छोड़ने की दी सलाह
गौरतलब है कि यूक्रेन में भारतीय दूतावास ने मंगलवार को छात्रों सहित सभी भारतीय नागरिकों को उपलब्ध ट्रेन या किसी अन्य माध्यम से तत्काल कीव छोड़ने का सुझाव दिया है। दूतावास ने ट्वीट किया,‘‘कीव में भारतीयों के लिये परामर्श…छात्रों सहित सभी भारतीयों को सलाह दी जाती है कि वे आज तत्काल कीव छोड़ दें। उपलब्ध ट्रेन या किसी अन्य उपलब्ध माध्यम के जरिये।’’ यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद युद्धग्रस्त देश का हवाई क्षेत्र बंद होने के कारण भारत वहां फंसे अपने नागरिकों को रोमानिया, हंगरी, पोलैंड और स्लोवाकिया से लगी उसकी (यू्क्रेन की) सीमा चौकियों के जरिए वहां से बाहर निकाल रहा है।