देशभर में कोरोना वायरस तेजी से पैर पसार रहा है। केंद्र और तमाम राज्यों की सरकारें इस वायरस से निपटने के लिए हरसंभव कोशिश कर रही है। मगर इस सब के बीच, केंद्र और पश्चिम बंगल सरकार के बीच बात बनती नजर नहीं आ रही है। दरअसल, कोरोना महामारी से पैदा हुई स्थिति का आकलन करने के लिए केंद्र की टीम बंगला राज्य के दौरे पर थी इस बीच, केंद्रीय टीमों ने आरोप लगाया है कि राज्य सरकार टीमों का सहयोग नहीं कर रही है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने मंगलवार को कहा कि पश्चिम बंगाल सरकार कोविड-19 से पैदा हुई स्थिति का आकलन करने के लिए राज्य का दौरा कर रही केंद्रीय टीमों के साथ सहयोग नहीं कर रही है।
मंत्रालय ने यह भी कहा कि केंद्रीय टीमों को प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करने और स्वास्थ्य कर्मियों के साथ बातचीत करने से भी रोका जा रहा है। केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव राजीव सिन्हा को लिखे एक पत्र में कहा कि यह मंत्रालय के संज्ञान में लाया गया है कि कोलकाता और जलपाईगुड़ी का दौरा करने वाली दोनों अंतर-मंत्रालयीय केंद्रीय टीमों को राज्य और स्थानीय प्रशासन द्वारा अपेक्षित सहयोग नहीं दिया गया है। भल्ला ने कहा कि वास्तव में उन्हें यात्रा करने स्वास्थ्य कर्मियों के साथ बातचीत करने और जमीनी स्तर पर स्थिति का आकलन करने से विशेष रूप से रोका गया है।
भल्ला ने कहा कि यह आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 के तहत केंद्र सरकार द्वारा जारी आदेशों के कार्यान्वयन में बाधा डालने के समान है। इसके साथ ही यह उच्चतम न्यायालय के बाध्यकारी दिशानिर्देशों का भी उल्लंघन है। केंद्रीय गृह सचिव ने कहा कि इसलिए राज्य सरकार को निर्देश दिया जाता है कि वह केंद्रीय टीमों के लिए सभी आवश्यक व्यवस्थाएं करें। गृह मंत्रालय की संयुक्त सचिव पुण्य सलिला श्रीवास्तव ने भी दैनिक मीडिया ब्रीफिंग में यह मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि केंद्र ने आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत चार राज्यों – महाराष्ट्र, राजस्थान, मध्य प्रदेश और पश्चिम बंगाल में टीमें भेजी हैं। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और राजस्थान में टीमों को पूरा समर्थन मिल रहा है लेकिन पश्चिम बंगाल में सरकार ऐसा नहीं कर रही है।