पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को आरोप लगाया कि केन्द्र और सत्तारूढ़ बीजेपी के कार्यकर्ता राज्य में हिंसा भड़काने और उनकी सरकार को गिराने का प्रयास कर रहे हैं। ममता ने यह भी कहा कि बीजेपी उनकी आवाज दबाने की कोशिश कर रही है क्योंकि वह देश में इकलौती हैं जो उनका विरोध कर रही हैं।
बनर्जी ने राज्य सचिवालय में पत्रकारों से कहा, ‘वह (बीजेपी) विभिन्न सोशल नेटवर्किंग वेबसाइट के जरिये फर्जी खबरें फैलाने के लिये करोड़ों रुपये बहा रही है। केन्द्र सरकार और पार्टी (बीजेपी) कार्यकर्ता पश्चिम बंगाल में हिंसा भड़काने की कोशिश कर रहे हैं।’ उन्होंने कहा कि किसी भी राज्य में हिंसा या दंगा होने की स्थिति में केंद्र की भी राज्य सरकारों के बराबर जिम्मेदारी होती है।
ममता ने कहा, ‘अगर किसी राज्य में कोई दंगा या हिंसा होती है, तो केंद्र सरकार अपनी जिम्मेदारी से पीछे नहीं हट सकती है।’ तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता ने कहा, ‘यह (पश्चिम बंगाल में हिंसा भड़काना) सोचा समझा खेल है। यह मेरी आवाज दबाने का उनका खेल है क्योंकि वे जानते हैं कि ममता बनर्जी देश में इकलौती है जो उनके खिलाफ आवाज उठाती है। हमारी सरकार को गिराने की यह साजिश कामयाब नहीं होगी।’
उन्होंने संदेशखाली की हत्या के मद्देनजर केन्द्र द्वारा उनकी सरकार को परामर्श भेजे जाने पर भी निशाना साधा। ममता ने कहा, ‘यही वजह है कि राज्य सरकार को परामर्श भेजा गया लेकिन मैं इस पर कुछ नहीं बोलूंगी क्योंकि राज्य के मुख्य सचिव पहले ही जवाब दे चुके हैं।’
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केन्द्र सरकार ने पश्चिम बंगाल में जारी हिंसा पर रविवार को गहरी चिंता जताते हुए कहा था कि लोकसभा चुनाव के बाद भी ‘बेरोकटोक हिंसा’ राज्य सरकार की नाकामी लगती है। पश्चिम बंगाल सरकार ने केन्द्र को लिखे पत्र में दावा किया कि राज्य में कानून-व्यवस्था नियंत्रण में है। उसने कहा कि राज्य में चुनाव के बाद कुछ छिटपुट झड़पें हुईं थी।
केन्द्र ने तृणमूल कांग्रेस और बीजेपी कार्यकर्ताओं के बीच हिंसक झड़पों में चार लोगों की मौत के बाद पश्चिम बंगाल सरकार को परामर्श भेजा था। राज्य के मुख्य सचिव मलय कुमार डे ने पत्र में लिखा कि हिंसा के सभी मामलों में बिना देरी किये ‘कड़ी और उचित कार्रवाई’ शुरू की गई हैं।