पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने आईएएस (कैडर) नियमावली, 1954 में प्रस्तावित संशोधन को लेकर गुरुवार को एक बार फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा। इस दौरान उन्होंने कहा कि इससे अधिकारियों में भय का माहौल पैदा होगा एवं उनका कार्यनिष्पादन प्रभावित होगा। आठ दिनों में इस विषय पर दूसरी बार मोदी को लिखे पत्र में बनर्जी ने कहा कि संशोधन से संघीय तानाबाना एवं संविधान का मूलभूत ढांचा नष्ट हो जाएगा।
केंद्र सरकार ने नियमावली में संशोधन का प्रस्ताव रखा है जिससे वह राज्य सरकार की आपत्तियों को दरकिनार कर आईएएस अधिकारियों को केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर पदस्थापित कर पाएगा। बनर्जी ने 13 जनवरी को मोदी को पत्र लिखकर उनसे इस प्रस्ताव पर आगे नहीं बढऩे की अपील की थी।
उमर ने भी साधा केंद्र पर निशाना
नेशनल कांफ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने बृहस्पतिवार को कहा कि भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) और भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के अधिकारियों के तबादले के संबंध में केंद्र सरकार का निर्णय देश के संघीय ढांचे के ताबूत में‘‘एक और कील‘’ठोकने के समान होगा। अब्दुल्ला मीडिया में आई उन खबरों पर प्रतिक्रिया व्यक्त कर रहे थे, जिनमें कहा गया है कि केंद्र सरकार राज्य सरकारों की मंजूरी लेने की आवश्यकता को खत्म करते हुए केंद्रीय प्रतिनियुक्ति के माध्यम से आईएएस और आईपीएस अधिकारियों को स्थानांतरित करने की शक्तियां हासिल करने की योजना बना रही है।
WB CM Mamata Banerjee writes to PM asking him to withdraw Centre's draft amendment of IAS Cadre Rules
— ANI (@ANI) January 20, 2022
"I find revised amendment proposal more draconian than former & its very grain against foundations of our federal polity & basic structure of Constitutional scheme,"letter reads pic.twitter.com/DYPVa4tCu8
उन्होंने ट्वीट किया,‘‘यह भारत के संघीय ढांचे के ताबूत में एक और कील होगी। मान लीजिये कि यदि मोदी मुख्यमंत्री हों और प्रधानमंत्री उनके डीजी या सीएस को हटा दें तो उनकी क्या प्रतिक्रिया होगी? जम्मू-कश्मीर ने 2019 में ही नियुक्ति की अपनी सभी शक्तियां खो दी थीं, और अब ऐसा लग रहा है कि भारत के बाकी राज्यों के साथ भी ऐसा ही होने वाला है।‘‘
क्या है आईएएस (कैडर) नियामवली संशोधन मामला?
केंद्र सरकार ने नियमावली में संशोधन का प्रस्ताव रखा है जिससे वह राज्य सरकार की आपत्तियों को दरकिनार कर आईएएस अधिकारियों को केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर पदस्थापित कर पाएगा। बनर्जी ने 13 जनवरी को मोदी को पत्र लिखकर उनसे इस प्रस्ताव पर आगे नहीं बढ़ने की अपील की थी। अगर केंद्र अपने फैसले पर पुनर्विचार नहीं करता है तो ममता बनर्जी ने "अधिक आंदोलनों" की चेतावनी दी है।