केंद्र सरकार द्वारा बनाए गए तीनों नए कृषि कानूनों को लेकर किसान संगठनों का प्रदर्शन ढाई महीने से भी अधिक समय से जारी है। केंद्र सरकार के साथ उनकी कई दौर की वार्ता हो चुकी है, जो की बेनतीजा रही और वार्ताओं से अभी तक कोई हल नहीं निकला है। हाल ही में 26 जनवरी यानी गणतंत्र दिवस के दिन किसानों की ट्रैक्टर रैली के दौरान लाल किले पर हिंसक प्रदर्शन देखने को मिला था। इसके बाद से दिल्ली पुलिस और केंद्र सरकार ने सतर्कता बढ़ा दी है। सड़क से लेकर सोशल मीडिया तक कड़ी सुरक्षा बरती जा रही है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक केंद्र की मोदी सरकार ने ट्विटर को किसानों के विरोध प्रदर्शन के बारे में गलत और भड़काऊ सूचना फैलाने वाले 1178 पाकिस्तानी और खालिस्तानी अकाउंट हटाने के लिए कहा है। आपको बता दें कि लाल किले पर हुई हिंसा के बाद से इस आंदोलन को लेकर खालिस्तान का नाम काफी उछला है। हालांकि अभी तक केंद्र सरकार की तरफ से इस मामले पर अभी तक कोई बयान जारी नहीं किया गया है।
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली से सटी सीमाओं पर जहां-जहां किसान प्रदर्शन कर रहे हैं, वहां से दिल्ली की तरफ आने वाली सड़कों को छावनी में तब्दील कर दिया गया है। सड़कों को कटीले तारों और बैरिकेड्स की मदद से बंद कर दिया गया है। लगभग 5 लेयर के बैरिकेड्स लगाए गए हैं। दिल्ली पुलिस का कहना है कि गणतंत्र दिवस के दिन लाल किले पर हुई हिंसा के बाद सुरक्षा बढ़ा दी गई है। दिल्ली पुलिस की तरफ से जारी किए गए बयान में भी यही कहा गया है कि सुरक्षा व्यवस्था पूरी तरह से चाक चौबंद है। पुलिस भविष्य में होने वाली किसी भी घटना के लिए तैयार है।