श्रीलंका में जारी संकट पर भारत सरकार ने आज सर्वदलीय बैठक बुलाई है। केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण और एस जयशंकर विपक्षी दलों को पड़ोसी देश की स्थिति के बारे में जानकारी देंगे। भारत ने कहा है कि वह श्रीलंका के लोगों के साथ खड़ा है।
भारतीय विदेश मंत्रालय ने हाल ही में कहा था कि वह श्रीलंका के लोगों के साथ खड़ा रहेगा। वह लोकतांत्रिक और संवैधानिक तरीकों के माध्यम से चल रहे संकट के शांतिपूर्ण समाधान के पक्ष में है। भारत ईंधन और राशन आपूर्ति के साथ श्रीलंका की मदद करता रहा है। पिछले हफ्ते, एमईए ने कहा कि भारत ने श्रीलंका को मदद के लिए 3.8 अरब डॉलर देने का वादा किया था।
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श्रीलंका के कार्यवाहक राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे ने सोमवार से देशव्यापी आपातकाल की घोषणा की। बता दें कि संसद के मानसून सत्र से पहले हुई सर्वदलीय बैठक में, द्रमुक और अन्नाद्रमुक ने मांग की थी कि भारत अपने पड़ोसी देश को संकट से बाहर निकालने में हस्तक्षेप करे, जो 7 दशकों में सबसे खराब आर्थिक आपातकाल का सामना कर रहा है।
इस बैठक में एआईएडीएमके के एम. थंबीदुरई और डीएमके के टीआर बालू ने श्रीलंका में तमिल आबादी को लेकर चिंता जताई थी। इस द्वीपीय देश में जनता सड़कों पर उतर आई है। पूरे देश में आपातकाल लागू कर दिया गया है।