केंद्र की मोदी सरकार ने सूचना प्रौद्योगिकी नियम, 2021 (IT Rules, 2021) में कुछ बदलाव किए हैं। संशोधित नियमों के अनुसार, Twitter, Facebook, Youtube और Instagram जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को भारत की संप्रभुता के नियमों का पालन करना अनिवार्य होगा। केंद्र के इस फैसले पर पूर्व केंद्रीय आईटी मंत्री कपिल सिब्बल ने सरकार पर हमला बोला।
कपिल सिब्बल ने कहा कि ये सरकार के लिए सुरक्षित और दूसरों के लिए असुरक्षित है, इस सरकार की हमेशा से यही नीति रही है… आम नागरिकों के लिए एकमात्र मंच सोशल मीडिया बचा था; जब मानहानिकारक बयान दिए जाएंगे… तो लोगों पर मुकदमा चलाया जाएगा।
उन्होंने कहा कि पहले, उन्होंने टीवी नेटवर्क पर कब्जा कर लिया और अब वे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर कब्जा करने वाले हैं। यह मीडिया का व्यापक कब्जा है। हम एक आचार संहिता, एक राजनीतिक दल, एक शासन प्रणाली और किसी के प्रति जवाबदेही नहीं की ओर बढ़ रहे हैं।
IT नियम, 2021 में हुए फेरबदल
शुक्रवार को जारी अधिसूचना के मुताबिक सरकार ने IT नियम, 2021 में कुछ फेरबदल किए हैं। सरकार ने नए नियमों में अश्लील सामग्री, ट्रेडमार्क उल्लंघन, फेक जानकारी और राष्ट्र की संप्रभुता के लिए खतरे के साथ-साथ आपत्तिजनक धार्मिक सामग्री (हिंसा को उकसाने के इरादे से) को भी जोड़ा है, जिसे उपयोगकर्ता सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर फ़्लैग कर सकते हैं।
संशोधनों को अधिसूचित किए जाने के बाद आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने ट्वीट किया, ”उपयोगकर्ताओं का सशक्तिकरण। मध्यस्थ द्वारा नियुक्त शिकायत अधिकारी के फैसलों के खिलाफ अपील की सुनवाई के लिए शिकायत अपीलीय समितियों (जीएसी) की शुरुआत की गई है।”
उन्होंने एक अन्य ट्वीट में कहा, ”गोपनीयता नीति और उपयोगकर्ता समझौतों को आठ अनुसूचित भारतीय भाषाओं में उपलब्ध कराया जाएगा।” प्रत्येक समिति में एक चेयरपर्सन और केंद्र सरकार द्वारा नियुक्त दो पूर्णकालिक सदस्य होंगे। इनमें से एक पदेन सदस्य होगा और दो स्वतंत्र सदस्य होंगे। अधिसूचना के मुताबिक शिकायत अधिकारी के निर्णय से असहमत कोई भी व्यक्ति, शिकायत अधिकारी से सूचना मिलने से तीस दिनों के भीतर अपीलीय समिति में शिकायत कर सकता है।