कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केन्द्रीय ग्रामीण विकास मंत्री जयराम रमेश ने शुक्रवार को मनरेगा योजना पर ‘‘फैक्ट-शीट’’ प्रस्तुत करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नीत सरकार के दो मंत्रियों ने ‘लोकसभा का मजाक बनाया है।’
मनरेगा पर ‘फैक्ट-शीट’ ट्विटर पर साझा करते हुए रमेश ने कहा, ‘‘मोदी सरकार के दो मंत्रियों ने मनरेगा पर कल लोकसभा का मजाक बना दिया। ये वे तथ्य हैं, जिनसे वे भाग रहे थे और जिनसे उन्हें डर लगता है।’’
सरकार बढ़ती मांग पूरा करने में असमर्थ रही – रमेश
उन्होंने आरोप लगाया कि 2014 से मनरेगा आवंटन में वृद्धि होने के बावजूद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाली सरकार बढ़ती मांग पूरा करने में असमर्थ रही।
उन्होंने कहा, ‘‘समय से पहले पर्याप्त बजट आवंटन (जो कि संप्रग सरकार ने किया था) के बावजूद, मोदी सरकार ग्रामीण क्षेत्र में समस्याओं के बावजूद बार-बार मांगें पूरी करने में असफल रही है जिससे लंबित देनदारियां बढ़ रही हैं।’’
रमेश ने दावा किया कि वित्त वर्ष 2015-16 में राज्यों पर 765 करोड़ रुपये की देनदारी थी। यह लंबित देनदारी वित्तवर्ष 2016-17 में बढ़कर 815 करोड़ रुपये और वित्तवर्ष 2020-21 में बढ़कर 3,493 करोड़ रुपये हो गयी है।