पूरा देश एकजुट होकर वैश्विक महामारी कोरोना वायरस से लड़ रहा है और टीका लगवाकर कोरोना को मात दे रहा है। इसी कड़ी में अब एक और हथियार मिल गया है, जो कोरोना वायरस को मिटाने में तेजी लाएगा। केंद्र सरकार ने अहमदाबाद की कंपनी जाइडस कैडिला की तीन खुराक वाले टीके ‘जाइकोव-डी’ की एक करोड़ खुराक खरीदने के आदेश दिए हैं। इसके साथ ही यह टीका राष्ट्रीय कोरोना वायरस रोधी टीकाकरण अभियान में इस महीने शामिल हो जाएगा।
टीकाकरण अभियान में जल्द शामिल होगी सुई रहित वैक्सीन
सूत्रों ने बताया कि समझा जाता है कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने देश में विकसित दुनिया के पहले डीएनए-आधारित कोविड-19 टीके को टीकाकरण कार्यक्रम में शामिल करने के लिए शुरुआती कदमों को हरी झंडी दिखा दी है। शुरुआत में इसे वयस्कों को लगाने में प्राथमिकता दी जाएगी। जाइकोव-डी पहला ऐसा टीका है जिसे भारत के औषधि नियामक ने 12 साल या उससे ज्यादा उम्र के लोगों के टीकाकरण के लिए मंजूरी दी है।
358 रुपये होगी एक डोज की कीमत
एक आधिकारिक सूत्र ने बताया कि केंद्र जाइडस कैडिला को जाइकोव-डी टीके की एक करोड़ खुराक के लिए ऑर्डर दे चुका है, जिसकी कीमत कर को छोड़कर करीब 358 रुपये है। इस कीमत में 93 रुपये की लागत वाले ‘जेट एप्लीकेटर’ का खर्च भी शामिल है। इसकी मदद से ही टीके की खुराक दी जाएगी। सूत्र ने बताया, ‘‘ सीमित उत्पादन क्षमता की वजह से शुरू में सिर्फ वयस्कों को ही यह टीका दिये जाने की संभावना है।’’
हर मरीज को लेनी होगी तीन खुराक
कंपनी के अधिकारियों ने मंत्रालय को बताया कि जाइडस कैडिला प्रति माह जाइकोव-डी की एक करोड़ खुराक मुहैया कराने की स्थिति में है। इसके तीन खुराकों को 28 दिनों के अंतराल पर दिया जाना है। देश में विकसित यह दुनिया का पहला ऐसा टीका है जो डीएनए-आधारित एवं सुई-रहित है । जाइकोव-डी को 20 अगस्त को दवा नियामक से आपातकालीन इस्तेमाल के लिये मंजूरी मिली थी।