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कोरोना मामले में सख्त केंद्र, राज्यों से कहा- सर्विलांस बढ़ाइए, मेडिकल तैयारियां पूरी रखें

चीन सहित विश्व के अन्य हिस्सों में बढ़ते कोरोना मामले को देखते हुए केंद्र सरकार सख्त है. राज्यों को निर्देश जारी कर कहा गया है कि वो कड़े सर्विलांस का पालन करें। अगर कहीं भी मामले बढ़ते हुए दिखाई दें तो तुरंत इसकी रिपोर्ट करें

 चीन से बढ़कर यूरोप के कई देशों को कोरोना वायरस अपनी चपेट में ले चुका है। भारत में फिलहाल स्थिति काबू में है लेकिन सरकार इसको लेकर अलर्ट है। साल 2020 में जब कोरोना का पहला मामला सामने आया था तब भी ऐसा लग रहा था कि ये भारत में अटैक नहीं करेगा लेकिन पहली और दूसरी लहर का तांडव कोई नहीं भूल सकता। इसी डर से सरकार कोई भी ढिलाई नहीं बरत रही। इस महामारी को लेकर पहले केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने हाई लेवल मीटिंग की उसके बाद पीएम मोदी ने भी इसकी समीक्षा की। केंद्र ने सभी राज्यों ने कहा कि वो ट्रैकिंग और ट्रेसिंग जारी रखें। अगर किसी इलाके में मामले बढ़ते हैं तो इसकी तुरंत रिपोर्ट करें।

स्वास्थ्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम उजागर न करने की शर्त में बताया कि अगर देश के कुछ हिस्सों में कोविड-19 से संबंधित अस्पताल में भर्ती होने या सांस की बीमारियों में अचानक उछाल आता है, तो यह हमारे लिए एक रेड सिग्नल होगा। यही कारण है कि सभी अस्पतालों को कड़ी निगरानी रखनी चाहिए और किसी भी असामान्य पैटर्न की पहचान करनी चाहिए। शुक्रवार को कोविड-19 के प्रबंधन और वैक्सीनेशन प्रोग्रेस और सार्वजनिक स्वास्थ्य तैयारियों पर राज्य के स्वास्थ्य मंत्रियों के साथ समीक्षा बैठक में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने कहा कि स्वास्थ्य सुविधा आधारित सर्विलांस पर ध्यान दिया जाना चाहिए।
सीवेज की भी निगरानी की जाए
उन्होंने आगे कहा कि विभिन्न राज्यों में सीवेज और गंदे पानी की निगरानी पर भी जोर दिया जाना चाहिए क्योंकि मनुष्य भी अपने मल के माध्यम से वायरस को बहाते हैं। उन्होंने कहा कि अगर सीवेज सिस्टम में वायरल लोड अधिक है तो यह भी समुदाय के भीतर बीमारी के फैलने के शुरुआती संकेतों में से एक है। पब्लिक सर्विलांस के उद्देश्य से इन्फ्लूएंजा जैसी बीमारी (ILI) और गंभीर तीव्र श्वसन संक्रमण (SARI) की निगरानी के लिए पूरे इंतजाम किए गए हैं। 
SARI/ILI रोगियों की हो कोरोना जांच
हिंदुस्तान टाइंस की एक रिपोर्ट में स्वास्थ्य अधिकारी के हवाले से बताया गया है कि SARI/ILI के लगभग 25-30% मामलों में कोविड पॉजिटिव पाया जाता है।यही कारण है कि इन मामलों की जांच करना महत्वपूर्ण है, खासकर इस मौसम में जब फ्लू के मामले वैसे भी होते हैं। एसएआरआई और आईएलआई मामलों की सख्त निगरानी के माध्यम से क्लस्टरिंग को रोकना हमेशा सरकार की रणनीति रही है, जो कुछ क्षेत्रों में मामलों में असामान्य उछाल को ट्रैक करने और संक्रमण के आगे प्रसार को रोकने के अपने शुरुआती प्रयासों के हिस्से के रूप में रही है।
भारत में नहीं बढ़ेगा कोरोना- विशेषज्ञ
मैक्स हेल्थकेयर के आंतरिक चिकित्सा विभाग के निदेशक डॉ। रोमेल टिक्कू ने कहा, “पिछले कुछ महीनों से कोविड के कारण शायद ही कोई अस्पताल में भर्ती हुआ हो लेकिन वैश्विक स्तर पर संख्या बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि भारत में अब तक कोई असामान्य उछाल नहीं दिख रहा है। भविष्य में किसी इलाके में उछाल की आ सकता है मगर ऐसा लगता है कि भारत में एक बड़ी लहर नहीं दिखाई देगी जब तक कि कुछ पूरी तरह से अलग नए प्रकार की रिपोर्ट न हो।
पॉजिटिव केस का हो जीनोम सीक्वेंसिंग टेस्ट
स्वास्थ्य मंत्री ने राज्यों से भारतीय SARS-CoV-2 जीनोमिक्स कंसोर्टियम (INSACOG) नेटवर्क के माध्यम से वेरिएंट को ट्रैक करने के लिए पॉजिटिव केस सैंपल के पूरे जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए निगरानी प्रणाली को मजबूत करने का भी आग्रह किया ताकि नए वेरिएंट का समय पर पता लगाया जा सके। नाम न छापने का अनुरोध करते हुए INSACOG के एक वरिष्ठ सदस्य ने कहा कि इन्सैकॉग नियमित रूप से कोविड पॉज़िटिव नमूनों की संपूर्ण जीनोम सीक्वेंसिंग कर रहा है। भले ही आरटी-पीसीआर टेस्ट जो जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए आवश्यक है की हिस्सेदारी काफी कम हो गई थी क्योंकि अधिकांश लोग रैपिड टेस्ट का उपयोग करके घर पर कोविड टेस्ट कर रहे हैं।
भारत में अभी स्थिति सामान्य
भारत में कोविड-19 की औसत राष्ट्रीय दर अभी 0।21 प्रतिशत के सामान्य स्तर पर है लेकिन देश के तीन दर्जन जिलों में यह एक प्रतिशत से अधिक तथा आठ जिलों में पांच प्रतिशत से अधिक दर्ज की गई है। ये आंकड़े ऐसे समय में महत्वपूर्ण हैं जब चीन समेत दुनिया के कई देशों में कोरोना वायरस संक्रमण के मामलों की रफ्तार काफी तेज हो गई है। देश के राज्यों/प्रयोगशालाओं द्वारा भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के पोर्टल पर 16-22 दिसंबर की अवधि में दर्ज किए गए आंकड़ों से यह जानकारी मिली है।

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