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ओमीक्रॉन को लेकर केंद्र ने अपनाया सख्त रवैया, सभी राज्यों को दिए जांच बढ़ाने समेत कई निर्देश, जानें क्या कहा

ओमीक्रॉन के कई देशों में फैलने से बढ़ती चिंताओं के बीच, केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के साथ एक समीक्षा बैठक की।

कोरोना वायरस के संभावित रूप से अधिक संक्रामक स्वरूप ओमीक्रॉन के कई देशों में फैलने से बढ़ती चिंताओं के बीच, केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने मंगलवार को राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के साथ एक समीक्षा बैठक की और उन्हें मामलों की शीघ्र पहचान और प्रबंधन के लिए जांच बढ़ाने की सलाह दी।
RT-PCR और रैपिड एंटीजन टेस्ट की पकड़ में नहीं आएगा ओमीक्रॉन 
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि भूषण ने यह रेखांकित करते हुए कि ऐसा नहीं है कि नया स्वरूप आरटी-पीसीआर और आरएटी जांच से पकड़ में नहीं आ सकता है, राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को पर्याप्त बुनियादी ढांचा और निगरानी वाले घरेलू पृथक-वास सुनिश्चित करने के लिए कहा। सरकारी अधिकारियों के अनुसार, भारत में अभी तक कोरोना वायरस के नये ओमीक्रॉन स्वरूप का कोई मामला सामने नहीं आया है।
केंद्र ने राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों को दिए यह निर्देश 
चिंता वाले स्वरूप (वीओसी) से देश को उत्पन्न होने वाले संभावित खतरे को देखते हुए मंत्रालय ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को गहन रोकथाम, सक्रिय निगरानी, ​​जांच बढ़ाने, अधिक संक्रमितों वाले क्षेत्रों की निगरानी, ​​टीकाकरण बढ़ाने और स्वास्थ्य के बुनियादी ढांचे में वृद्धि सुनिश्चित करने पर ध्यान केंद्रित करने के लिए कहा है।
भूषण ने 28 नवंबर को राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को लिखे एक पत्र में, अंतरराष्ट्रीय यात्रियों की कड़ी निगरानी, ​नमूनों को ​जीनोम अनुक्रमण के लिए शीघ्र भेजना सुनिश्चित करने और इस वीओसी को प्रभावी ढंग से प्रबंधित करने के लिए कोविड उपयुक्त व्यवहार सख्ती से लागू करने पर भी जोर दिया।
दक्षिण अफ्रीका में हुई थी ओमीक्रॉन की पुष्टि 
कोविड का बी.1.1.1.529 स्वरूप या ओमीक्रॉन का सबसे पहले पता पिछले सप्ताह दक्षिण अफ्रीका में चला था। इसे विश्व स्वास्थ्य संगठन ने ‘चिंता वाला स्वरूप’ घोषित किया है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि भारत में अभी तक कोरोना वायरस के नये स्वरूप ओमीक्रॉन का कोई मामला अभी सामने नहीं आया है। 
इसके बावजूद भारतीय सार्स-सीओवी-2 जीनोमिक कंसोर्टिया आईएनएसएसीओजी (इंडियन सार्स-सीओवी-2 कंसोर्टियम ऑन जिनोमिक्स) स्थिति की बारीकी से निगरानी कर रहा है और अंतरराष्ट्रीय यात्रियों के पॉजिटिव नमूनों के जीनोम विश्लेषण में तेजी ला रहा है।
केंद्र ने ‘जोखिम वाले’ देशों से आने वाले यात्रियों के लिए दिए ये निर्देश 
केंद्र ने ‘जोखिम वाले’ देशों से यात्रा करने वाले या उससे होकर आने वाले लोगों के लिए रविवार को सख्त दिशानिर्देश जारी किये थे और राज्यों को जांच-निगरानी उपायों एवं स्वास्थ्य सुविधाओं को बढ़ाने के लिए कई निर्देश जारी किए थे। इसने अंतरराष्ट्रीय उड़ानों को फिर से शुरू करने की समीक्षा करने का भी निर्णय लिया। बता दें कि ‘जोखिम वाले’ (26 नवंबर तक अद्यतन) के रूप वर्गीकृत देशों में यूरोपीय देश, ब्रिटेन, दक्षिण अफ्रीका, ब्राजील, बांग्लादेश, बोत्सवाना, चीन, मॉरीशस, न्यूजीलैंड, जिम्बाब्वे, सिंगापुर, हांगकांग और इज़राइल शामिल हैं।

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