केंद्र सरकार के नए कृषि कानूनों को लेकर चल रहे किसानों के आंदोलन को सात महीने हो चुके हैं, और किसानों का फिलहाल आंदोलन खत्म करने का कोई इरादा नहीं है। ऐसे में एक बार फिर से केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने किसानों से अपील करते हुए तीनों विधेयकों के प्रावधानों पर वार्ता बहाल करने की पेशकश की है।
केन्द्रीय कृषि ने कहा कि केन्द्र के तीन नए कृषि कानून किसानों की जिंदगी में क्रांतिकारी बदलाव लाएंगे और इनको वापस लेने का सवाल ही नहीं है। उन्होंने कहा कि किसान यूनियन इन कानूनों के अलावा किसी और प्रस्ताव को सामने लेकर आते हैं तो केन्द्र सरकार बात करने के लिए तैयार है।
तोमर ने ग्वालियर में मीडिया से बात करते हुए कहा, ‘‘केन्द्र के नए कृषि कानून किसानों की जिंदगी में क्रांतिकारी बदलाव लाने वाले हैं और इनको 30 वर्षों की मेहनत के बाद कृषि वैज्ञानिकों व विशेषज्ञों ने तैयार किया है। इनको बनाने में केन्द्र सरकार के साथ राज्य सरकारों ने भी प्रयास किए हैं।’’
उन्होंने कहा कि इसके बाद अब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में नए कृषि सुधार बिल लाए गए। तोमर ने कहा कि इन नए कृषि कानूनों के समर्थन में देश के अधिकांश किसान, संगठन और यूनियनें हैं।
किसान यूनियन ने कुछ आपत्ति भी जताई तो भारत सरकार ने उनसे कई बार बात भी की। उन्होंने कहा, ‘‘अब भी यदि कृषि कानूनों के प्रावधानों के अलावा कुछ और प्रस्ताव लेकर किसान यूनियन के नेता आते हैं तो सरकार हमेशा बात करने के लिए तैयार है।’’