केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट से कहा-UPSC कैंडिडेट्स को नहीं दिया जाएगा एक और चांस

केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि पिछले साल महामारी के कारण यूपीएससी एग्जाम में शामिल नहीं होने से अपना आखिरी मौका गंवा देने वाले कैंडिडेट्स को एक और चांस देने के में नहीं है।
केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट से कहा-UPSC कैंडिडेट्स को नहीं दिया जाएगा एक और चांस
Published on
कोरोना महामारी के दौर में हुए संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) एग्जाम नहीं दे पाने वाले कैंडिडेट्स को एक झटका लग सकता है। केंद्र ने शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट को बताया कि पिछले साल महामारी के कारण यूपीएससी एग्जाम में शामिल नहीं होने से अपना आखिरी मौका गंवा देने वाले कैंडिडेट्स को एक और चांस देने के में नहीं है। 
न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर के नेतृत्व वाली पीठ ने डिपार्टमेंट ऑफ़ पर्सनेल एंड ट्रेनिंग (डीओपीटी) की तरफ से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एस वी राजू के निवेदन का संज्ञान लिया कि सरकार कोविड-19 महामारी के कारण 2020 में सिविल सेवा कैंडिडेट्स को एक और अवसर देने को तैयार नहीं है। 
अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ने पीठ से कहा, ''हम एक और अवसर देने को तैयार नहीं है। मुझे हलफनामा दाखिल करने का समय दीजिए…कल (गुरुवार) रात मुझे निर्देश मिला है कि हम इस पर तैयार नहीं हैं।'' पीठ में न्यायमूर्ति बी आर गवई और न्यायमूर्ति कृष्ण मुरारी भी थे। 
पीठ ने सिविल सेवा की अभ्यर्थी रचना की याचिका को 25 जनवरी के लिए सूचीबद्ध किया है और केंद्र से एक हलफनामा दाखिल करने को कहा है। इससे पहले, सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने पीठ को बताया था कि सिविल सर्विसेज के ऐसे उम्मीदवारों को सरकार एक और मौका देने पर विचार कर रही है। 

Related Stories

No stories found.
logo
Punjab Kesari
www.punjabkesari.com