नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (एनआरसी) को लेकर मचे बवाल के बीच मोदी सरकार एक और बड़ा फैसला ले सकती है। दरअसल, आज सुबह केंद्रीय मंत्रिमंडल की अहम बैठक शुरू हो चुकी है। इस बैठक में राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) को मंजूरी मिल सकती है। एनपीआर अपडेट करने की प्रक्रिया अगले साल पहली अप्रैल से शुरू होगी।
सूत्रों के अनुसार, कैबिनेट की बैठक के लिए तय एजेंडे में एनपीआर को लेकर प्रस्ताव भी शामिल है। एनपीआर में देश के ‘सामान्य नागरिकों’ की गणना की जाती है। एनपीआर के लिए ‘सामान्य नागरिकों’ से मतलब उस व्यक्ति से है, जो किसी स्थानीय क्षेत्र में पिछले छह महीने या उससे अधिक समय से रह रहा हो या अगले छह महीने या उससे अधिक समय तक उस क्षेत्र में रहने की उसकी योजना हो।
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एनआरपी के तहत 1 अप्रैल, 2020 से 30 सितंबर, 2020 तक नागरिकों का डेटाबेस तैयार करने के लिए देशभर में घर-घर जाकर जनगणना की तैयारी है। देश के सामान्य निवासियों की व्यापक पहचान का डेटाबेस बनाना एनआरपी का मुख्य लक्ष्य है. इस डेटा में जनसांख्यिकी के साथ बायोमीट्रिक जानकारी भी होगी।