संसद के शीतकालीन सत्र के पहले दिन राज्यसभा ने सोमवार को तीन विवादित कृषि कानूनों को निरस्त करने संबंधी कृषि विधि निरसन विधेयक 2021 को बिना चर्चा के मंजूरी प्रदान कर दी। इससे पहले इस निरसन विधेयक को लोकसभा में बिना चर्चा के पारित किया गया।
बिना चर्चा राज्यसभा से भी पारित हुआ विधेयक
विपक्षी दलों ने इस विधेयक पर चर्चा कराने की मांग को लेकर हंगामा किया लेकिन इसे नजरअंदाज करते हुए विधेयक को पहले लोकसभा ओर फिर उसके बाद राज्यसभा में पारित कर दिया गया। दोपहर दो बजे जैसे ही उच्च सदन की कार्यवाही प्रारंभ हुई वैसे ही केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने विधेयक को पेश करते हुए इसे पारित करने का प्रस्ताव रखा।
विपक्ष के नेता खड़गे ने तीनों कानूनों को ‘‘काला कानून’’ करार दिया
राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि वह कृषि विधि निरसन विधेयक का स्वागत करते हैं और कोई इसके विरोध में नहीं है क्योंकि यह किसानों का मुद्दा है। निरस्त किए गए तीनों कानूनों को ‘‘काला कानून’’ करार देते हुए उन्होंने कहा, ‘‘एक साल तीन महीने के बाद आपको (सरकार) ज्ञान प्राप्त हुआ और आपने कानूनों को वापस लेने का फैसला किया।’’
दुख की बात है कि सरकार किसानों को समझा नहीं सकी - कृषि मंत्री
इसी बीच, तोमर ने कहा कि सरकार किसानों की भलाई के लिए यह तीनों कानून लेकर आई थी लेकिन दुख की बात है कि वह किसानों को समझा नहीं सकी। विपक्षी सदस्यों के हंगामे के बीच ही विधेयक ध्वनिमत से पारित हुआ।
इससे पहले संसद के शीतकालीन सत्र के पहले दिन सोमवार को लोकसभा ने विपक्ष के हंगामे के बीच तीन विवादास्पद कृषि कानूनों को निरस्त करने संबंधी कृषि विधि निरसन विधेयक 2021 को बिना चर्चा के ही मंजूरी प्रदान कर दी। एक बार के स्थगन के बाद दोपहर बारह बजे निचले सदन की कार्यवाही शुरू होने पर अध्यक्ष ओम बिरला ने सभा पटल पर आवश्यक कागजात रखवाये ।