लोकसभा चुनाव 2024

पहला चरण - 19 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

102 सीट

दूसरा चरण - 26 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

89 सीट

तीसरा चरण - 7 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

94 सीट

चौथा चरण - 13 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

96 सीट

पांचवां चरण - 20 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

49 सीट

छठा चरण - 25 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

सातवां चरण - 1 जून

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

दूसरा चरण - 26 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

89 सीट

केंद्र सरकार ने किया क्रिप्टोकरेंसी पर नकेल कसने का ऐलान, 10 अरब डॉलर से ज्यादा निवेश कर चुके भारतीयों पर क्या होगा असर

देश में सभी तरह की क्रिप्टोकरेंसी को प्रतिबंधित करने के लिए संसद के शीतकालीन सत्र में सरकार द्वारा एक विधेयक पेश करने की खबर के बाद क्रिप्टो बाजार में भारी गिरावट देखी गई है।

दुनिया में तेजी से अपनी पहचान बना चुकी क्रिप्टोकरेंसी और डिजीटल करेंसी इन दिनों काफी चर्चा का विषय बनी हुई है। इंटरनेट के तेजतर्रार माहौल में यह एक नई चीज है, जिसके बारे में लोगों को जानने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। तो वहीं, देश में सभी तरह की क्रिप्टोकरेंसी को प्रतिबंधित करने के लिए संसद के शीतकालीन सत्र में सरकार द्वारा एक विधेयक पेश करने की खबर के बाद क्रिप्टो बाजार में भारी गिरावट देखी गई है। बता दें कि संसद के शीतकालीन सत्र की शुरुआत 29 नवंबर से होगी। 
क्रिप्टोकरेंसी में लगभग 15 फीसदी या उससे अधिक की गिरावट देखी गई 
23 नवंबर की रात 11 बजे सभी प्रमुख क्रिप्टोकरेंसी में लगभग 15 फीसदी या उससे अधिक की गिरावट देखी गई। वहीं बिटकॉइन में 17 फीसदी से अधिक, एथेरियम में लगभग 15 फीसदी और टीथर में लगभग 18 फीसदी की गिरावट आई। केंद्र सरकार ने मंगलवार को संसद के आगामी शीतकालीन सत्र के लिए तैयार की गई अपनी विधायी कार्य योजना में डिजिटल मुद्रा ‘क्रिप्टोकरेंसी’ को लेकर एक विधेयक को सूचीबद्ध किया है। इस बिल को क्रिप्टोकरेंसी एवं आधिकारिक डिजिटल मुद्रा विनियमन विधेयक, 2021 नाम दिया गया है। 
आरबीआई ने क्रिप्टोकरेंसी पर कहा कि 
इस विधेयक को लाने का उद्देश्य भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की ओर से जारी की जाने वाली आधिकारिक डिजिटल मुद्रा के निर्माण के लिए एक सुविधाजनक व्यवस्था तैयार करना और देश में सभी डिजिटल क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध लगाना है। केंद्र सरकार ने चर्चा के लिए इस विधेयक को इस साल संसद में बजट सत्र के दौरान भी पेश किया था। 
क्रिप्टोकरेंसी को लेकर संसद में विधेयक पेश करने का फैसला लेने से पहले केंद्र सरकार ने इसे लेकर कई बैठकें की थीं। ये बैठकें देश में क्रिप्टोकरेंसी के इस्तेमाल के लिए जरूरी फ्रेमवर्क तैयार करने के लिए और इससे संबंधित चुनौतियों का समाधान ढूंढने के लिए आयोजित की गई थीं। क्रिप्टोकरेंसी को लेकर केंद्र का रुख खास सकारात्मक नहीं दिखा है। 
देश में क्रिप्टोकरेंसी के लगभग डेढ़ करोड़ उपभोक्ता हैं 
एक अनुमान के अनुसार भारत में क्रिप्टोकरेंसी के लगभग डेढ़ करोड़ उपभोक्ता हैं और इनकी कुल कीमत छह अरब डॉलर से ज्यादा है। बीते दिनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिटक्वाइन को युवा पीढ़ी के लिए एक खतरा करार दिया था और कहा था कि क्रिप्टोकरेंसी का गलत इस्तेमाल न हो यह सुनिश्चित करने के लिए वैश्विक भागीदारी की जरूरत है। 
जानिेए क्या है क्रिप्टोकरेंसी बिल? क्या होगा असर 
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, क्रिप्टोकरेंसी के नियमन के लिए केंद्र सरकार की ओर से संसद के शीतकालीन सत्र में क्रिप्टोकरेंसी एवं आधिकारिक डिजिटल मुद्रा विनियमन विधेयक 2021 पेश किया जाएगा। इस बिल के माध्यम से सरकार रिजर्व बैंक इंडिया के तहत एक आधिकारिक क्रिप्टोकरेंसी जारी करने के लिए आसान फ्रेमवर्क तैयार करने की योजना बना रही है। इसकी तकनीक और इस्तेमाल को लेकर भी तैयारी की जा रही है। 

देश में बैन हो सकती हैं सभी प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी, शीतकालीन सत्र में क्रिप्टो बिल हो सकता है पेश

साथ ही, इस बिल के तहत ऐसा प्रावधान लाया जाएगा, जिससे सारी निजी क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध लग जाएगा। गौरतलब है कि शीतकालीन सत्र में पेश करने के लिए 26 बिल सूचीबद्ध किए गए हैं। इनमें क्रिप्टोकरेंसी बिल भी शामिल है। 
सात दिन पहले हुई थी संसदीय समिति की बैठक 
गौरतलब है कि क्रिप्टोकरेंसी के संबंध में करीब सात दिन पहले यानी 16 नवंबर को पहली बार संसदीय समिति की एक बैठक हुई थी। इसमें क्रिप्टो एक्सचेंज, ब्लॉकचेन. क्रिप्टो एसेट काउंसिल, उद्योग जगत के प्रतिनिधियों के अलावा अन्य पक्षों को लेकर क्रिप्टोकरेंसी के नियमन और प्रोत्साहन से जुड़े पहलुओं पर विचार किया गया। इस मीटिंग में यह बात सामने आई थी कि क्रिप्टोकरेंसी को रोका नहीं जा सकता। इसके नियमन की जरूरत है।  
पीएम मोदी ने सिडनी संवाद कार्यक्रम के दौरान संबोधन में क्रिप्टोकरेंसी का जिक्र किया था 
बता दें कि पीएम मोदी भी क्रिप्टोकरेंसी को लेकर कई मंत्रालयों के साथ उच्चस्तरीय बैठक कर चुके हैं। इसके अलावा सिडनी संवाद कार्यक्रम के दौरान भी उन्होंने अपने संबोधन में क्रिप्टोकरेंसी का जिक्र किया था। पीएम मोदी ने कहा था कि क्रिप्टोकरेंसी या बिटकॉइन का उदाहरण ले लीजिए। यह बेहद जरूरी है कि सभी लोकतांत्रिक देश इस पर काम करें। साथ ही, सुनिश्चित करें कि यह गलत हाथों में न पड़े, क्योंकि इससे हमारे युवाओं पर गलत असर पड़ेगा। 
फिलहाल देश में नहीं है कोई क्रिप्टोकरेंसी बिल 
आपको बता दें इस समय पर क्रिप्टोकरेंसी को लेकर देश में कोई बिल नहीं है और न ही इस पर बैन लगा हुआ है। निवेशक अपने हिसाब से इसमें ट्रेडिंग कर रहे हैं। वहीं, पिछले हफ्ते पीएम मोदी ने अधिकारियों के साथ इस बात पर चर्चा की थी। उससे पहले जयंत सिन्हा की अध्यक्षता में पार्लियामेंट की स्टैंडिंग कमिटी ऑन फाइनेंस की बैठक में भी इस मुद्दे पर चर्चा की गई थी। फिलहाल अभी तक किसी भी बैठक में क्रिप्टो को बैन करने पर सहमति नहीं बनी है। 
निवेश के लिए भी होगा प्रावधान!
इस बिल में आरबीआई की ओर से सरकारी डिजिटल करेंसी में निवेश करने और उसको चलाने के लिए भी फ्रेमवर्क में प्रावधान किया जाएगा। इसके साथ ही इसके टेक्निकल इस्तेमाल में सरकार कुछ ढील भी दे सकती है। लोकसभा के बुलेटिन में इसको लेकर पूरी जानकारी दी जाएगी। 
ये खबर उन निवेशकों के लिए बड़ा झटका है जो क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करते हैं या इसकी योजना बना रहे हैं। इसके साथ ही टेस्ला के सीईओ एलन मस्क के लिए भी ये खबर टेंशन बढ़ाने वाली है। एलन मस्क की टेंशन कैसे बढ़ेगी, आइए समझ लेते हैं।  
एलन मस्क को लग सकता है बड़ा झटका 
क्रिप्टोकरेंसी के दीवाने हैं मस्क दरअसल, इलेक्ट्रिक कार बनाने वाली कंपनी टेस्ला भारतीय बाजार में एंट्री करने वाली है। टेस्ला के मुखिया एलन मस्क क्रिप्टोकरेंसी के दीवाने हैं। वह समय-समय पर बिटक्वाइन समेत अन्य कई क्रिप्टोकरेंसी को प्रमोट भी कर चुके हैं। यही नहीं, बीते दिनों टेस्ला ने अमेरिका में इलेक्ट्रिक कारों की बिक्री के लिए बिटक्वाइन को भुगतान के रूप में स्वीकार करने की भी घोषणा की थी।  
टेस्ला भारत में भी क्रिप्टोकरेंसी से पेमेंट के तरीके पर काम कर सकती है  
इसके साथ ही उन्होंने दुनियाभर में इसकी स्वीकार्यता के संकेत दिए थे। ऐसे में ये माना जा रहा था कि भविष्य में टेस्ला भारत में भी क्रिप्टोकरेंसी से पेमेंट के तरीके पर काम कर सकती है। हालांकि, कुछ दिनों बाद टेस्ला ने अमेरिका में क्रिप्टोकरेंसी से पेमेंट पर रोक लगा दी। अब फिर कंपनी ने इसे शुरू करने के संकेत दिए हैं। 
टेस्ला की कार जल्द ही भारत में लॉन्च होने वाली है 
बहरहाल, भारत में क्रिप्टोकरेंसी पर बैन की स्थिति में टेस्ला के सीईओ एलन मस्क की प्लानिंग को झटका लग सकता है। आपको बता दें कि टेस्ला की कार जल्द ही भारत में लॉन्च होने वाली है। कार लॉन्चिंग से पहले टेस्ला, भारत सरकार से आयात शुल्क को कम करने की भी मांग कर रही है। बहरहाल, खबर ये भी है कि केंद्रीय रिजर्व बैंक अपनी डिजिटल करेंसी लॉन्च करने वाली है। 
अंतिम फैसला सरकार का और असर निवेशकों पर पड़ेगा 
अब देखना अहम होगा कि इस डिजिटल करेंसी की लॉन्चिंग के क्या तरीके होंगे और इसकी कितनी स्वीकार्यता होगी। ये भी देखना होगा कि क्या टेस्ला जैसी विदेशी कंपनियां भारतीय डिजिटल करेंसी को स्वीकार करेंगी या नहीं। 
जानें क्या है क्रिप्टोकरेंसी या डिजीटल मुद्रा 
बता दें, क्रिप्टोकरेंसी एक वर्चुअल करेंसी है। आसान शब्दों में कहें तो क्रिप्टोकरेंसी एक डिजिटल कैश प्रणाली है। और इसका कोई फिजिकल एग्जीस्टेंस नहीं होता यानी की यह नोट और सिक्कों की तरह आपके हाथ में नहीं है। वहीं, यह कम्प्यूटर एल्गोरिदम पर बनी है जो सिर्फ डिजिट के रूप में ऑनलाइन रहती है।  
क्रिप्टो बाजार में बड़ी गिरावट  
सरकार के इस फैसले के बाद क्रिप्टोकरेंसी मार्केट में बड़डी गिरावट देखने को मिली है। बिटकॉइन, शीबा इनु, USDT, डडॉजकॉइन, इथेरियम, वजीरएक्स टोकन, कॉरडानो, रिप्पल, बिटटॉरेंट सभी में भारी गिरावट है। बता आज के कारोबार में करेंसी में 18 से 25 फीसदी तक की गिरावट देखने को मिल रही है।  
जानें डिजीटल करेंसी- क्रिप्टोकरेंसी के अन्य नाम 
बिटकॉइन, इथरनम, टीथर, बिनेंसे कॉइन, कार्डानो, इनमें से बिटकॉइन सबसे पुराना है। साल 2008 में भारी आर्थिक मंदी के बाद साल 2009 में इसकी शुरुआत हुई थी। एक छद्म नाम सतोषी नाकामोतो ने इसे बनाया था। 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

12 − 9 =

पंजाब केसरी एक हिंदी भाषा का समाचार पत्र है जो भारत में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के कई केंद्रों से प्रकाशित होता है।