केंद्र सरकार ने आज एनसीएसके (राष्ट्रीय सफाई कर्मचारी आयोग) के कार्यकाल को 31 मार्च से आगे तीन वर्ष के लिए बढ़ाने के प्रस्ताव को बुधवार को मंजूरी दे दी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केन्द्रीय मंत्रिमंडल की हुई बैठक में यह निर्णय लिया गया। सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने बैठक में लिए गए निर्णयों की जानकारी देते हुए कहा कि, सरकार के इस फैसले से 58 हजार से अधिक सफाई कर्मचारी और हाथ से मैला उठाने वाले लोग लाभान्वित होंगे।
वर्ष 1993 में हुई थी स्थापना
गौरतलब है कि 31 मार्च 2021 तक एम एस अधिनियम सर्वेक्षण के तहत चिह्नित हाथ से मैला ढोने वालों की संख्या 58098 है। एनसीएसके की स्थापना वर्ष 1993 में राष्ट्रीय सफाई कर्मचारी आयोग अधिनियम, 1993 के प्रावधानों के अनुसार शुरू में 31 मार्च 1997 तक की अवधि के लिए की गई थी। बाद में अधिनियम की वैधता को शुरू में 31 मार्च 2002 तक और उसके बाद 29 फरवरी 2004 तक बढ़ दिया गया था। एनसीएसके अधिनियम 29 फरवरी 2004 से प्रभावी नहीं रहा। उसके बाद एनसीएसके के कार्यकाल को समय-समय पर प्रस्तावों के माध्यम से एक गैर-सांविधिक संस्था के रूप में बढ़या गया है। वर्तमान आयोग का कार्यकाल 31 मार्च 2022 तक है।
सफाई कर्मचारियों के कल्याण के लिए सरकार कोक देता है सिफारिश
एनसीएसके सफाई कर्मचारियों के कल्याण के लिए विशिष्ट कार्यक्रमों के संबंध में सरकार को अपनी सिफारिशें देता है, सफाई कर्मचारियों के लिए मौजूदा कल्याण कार्यक्रमों का अध्ययन और मूल्यांकन करता है और विशेष शिकायतों के मामलों की जांच आदि भी करता है। साथ ही हाथ से मैला ढोने वालों के रूप में रोजगार के निषेध तथा पुनर्वास अधिनियम, 2013 के प्रावधानों के अनुसार, एनसीएसके को अधिनियम के क्रियान्वयन की निगरानी करने,केंद्र एवं राज्य सरकारों को इसके प्रभावी कार्यान्वयन के लिए सलाह देने और अधिनियम के प्रावधानों के उल्लंघन / गैर-कार्यान्वयन के संबंध में शिकायतों की जांच करने का काम सौंपा गया है।