कोरोना महामारी को लेकर केंद्र सरकार ने शुक्रवार को अर्धसैनिक बलों के 10 लाख से अधिक कर्मियों की सुरक्षा के लिए नए दिशानिर्देश जारी किए हैं। जिसमें अर्धसैनिक बलों से रोजाना उनके संपर्क में आने वालों का ब्यौरा रखने तथा भीड़भाड़ वाली जगहों से बेचने को कहा है। इसके साथ ही गृह मंत्रालय ने जवानों के लिए मास्क अनिवार्य बना दिया है।
जारी किए गए 22-सूत्री निर्देशों में कहा गया है कि जवान सामाजिक दूरी का सख्ती से पालन करें और हाथों की सफाई के लिए पास में छोटा सा साबुन या सेनेटाइज़र रखें। इसके अलावा अगर कोरोना वायरस से संक्रमण का कोई लक्षण दिखे तो खुद अपना इलाज नहीं करें। अर्द्धसैनिक बलों को केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) भी कहा जाता है।
सेना प्रमुख नरवणे ने कहा- भारत कोविड-19 से निपटने के लिए दुनियाभर में दवा भेज रहा और पाकिस्तान आतंकवाद
निर्देशों में कहा गया है कि जवानों को रिकॉर्ड रखना चाहिए कि वे किसके संपर्क में आए और यह सुनिश्चित किया जाए कि उन्हें पौष्टिक भोजन और पीने के लिए पर्याप्त मात्रा में पानी मिले। इसके साथ ही हर किसी को पर्याप्त नींद लेने की भी सलाह दी गयी है। सीएपीएफ में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल, सीमा सुरक्षा बल, केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल, भारत-तिब्बत सीमा पुलिस और सशस्त्र सीमा बल शामिल हैं।
केंद्रीय गृह मंत्रालय के तहत आने वाले दो अन्य बलों राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (एनएसजी) और असम राइफल्स को भी ऐसे ही निर्देश जारी किए गए हैं। दिशानिर्देशों के अनुसार, एकीकृत चेक पोस्ट (आईसीपी) और इसी तरह की अन्य ड्यूटी पर तैनात तैनात जवानों को अनिवार्य रूप से मास्क और दस्ताने पहनने चाहिए क्योंकि उनका काम लोगों की जांच करना भी होता है।
इसमें कहा गया है कि जहां तक संभव हो, संपर्क में आए बिना जांच की शुरूआत की जानी चाहिए। दिशानिर्देशों में इन बलों के डॉक्टरों और पैरामेडिकल टीमों से कहा गया है कि वे कोरोना वायरस के संबंध में जवानों को जागरूक करें। इसके साथ ही उन्हें बताएं कि क्या करना है और क्या नहीं करना है।