केंद्र सरकार की ओर से तीनों कृषि कानून वापस लिए जाने के बाद भी किसानों का आंदोलन जारी है। एक साल से भी अधिक समय से आंदोलन कर रहे किसान अब न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की मांग पर अड़ गए हैं। कृषि कानून वापस लेने के बाद सरकार अब किसानों की इस मांग को लेकर भी नरम पड़ती नजर आ रही है। सरकार ने एमएसपी से संबंधित मसले पर बात करने के लिए पांच प्रतिनिधियों के नाम मांगे हैं।
सरकार किसान संगठनों के साथ एमएसपी को लेकर चर्चा करेगी। मीड़िया रिपोर्टस के मुताबिक किसान संगठन जल्द अपना आंदोलन खत्म कर सकते हैं। रिपोर्टस की माने तो किसान संगठन सबकी सहमति से 4 दिसंबर को आंदोलन खत्म करने की तारीख दे सकते हैं। किसान नेता सतनाम सिंह अजनाला ने कहा है कि सरकार ने एमएसपी पर और दूसरे खेती-बाड़ी के मुद्दों पर कमेटी बनाने के लिए 5 नाम मांगे हैं। कल तक 5 नाम फाइनल कर के सरकार को भेजे जाएंगे।
कल हरियाणा सरकार के साथ किसानों की बैठक
हरियाणा सरकार किसानों के साथ कल यानी बुधवार को बैठक करेगी। इस दौरान सरकार किसानों पर दर्ज हुए मुकदमों को वापस लेने पर चर्चा करेगी। बता दें कि राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार ने भी किसानों पर दर्ज हुए केसों की लिस्ट मांगी है।
किसान संगठनों की क्या मांगें हैं?
कृषि कानूनों की वापसी के बाद भी किसान संगठन दिल्ली की सीमाओं पर आंदोलन कर रहे हैं। किसान संगठनों की मांग है कि सरकार एमएसपी गारंटी का कानून बनाए, किसानों पर दर्ज केस वापस ले, जिन किसानों की आंदोलन के दौरान मौत हुई है उन्हें मुआवज़ा दिया जाए। इसके अलावा लखीमपुर खीरी कांड के मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा के पिता और गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा टेनी के इस्तीफे की मांग भी किसान संगठन कर रहे हैं।