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केंद्र सरकार किसानों के आंदोलन का मुकाबला करने और नष्ट करने की कोशिश कर रही हैः एसकेएम

संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने बुधवार को केंद्र सरकार पर किसानों के आंदोलन का मुकाबला करने और नष्ट करने का आरोप लगाते हुए 18 फरवरी को रेल रोको के दौरान शांतिपूर्ण प्रदर्शन की अपील की।

संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने बुधवार को केंद्र सरकार पर किसानों के आंदोलन का  मुकाबला करने और नष्ट करने का आरोप लगाते हुए 18 फरवरी को रेल रोको के दौरान शांतिपूर्ण प्रदर्शन की अपील की। एसकेएम के बयान से एक दिन पहले भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और गृह मंत्री अमित शाह ने किसानों की महापंचायतों के मद्देनजर हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान के पार्टी नेताओं, सांसदों तथा विधायकों से मुलाकात की है। 
सूत्रों ने बताया था कि इन राज्यों के किसान समुदाय से आने वाले भाजपा नेताओं से तीन कृषि कानूनों को लेकर गलतफहमियों को स्पष्ट करने को कहा गया है। एसकेएम में विभिन्न किसान संगठन शामिल हैं। उनसे तीन कानूनों को रद्द करने की अपनी मांगों को लेकर दबावबनाने के लिए पिछले महीने रेल रोको का ऐलान किया था। एसकेएम ने 18 फरवरी को राष्ट्रव्यापी रेल रोको कार्यक्रम के दौरान सबसे शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने की अपील की।
इससे पहले किसान संघों ने छह फरवरी को चक्का जाम और 26 जनवरी को ट्रैक्टर परेड का आयोजन किया था। ट्रैक्टर परेड के दौरान प्रदर्शनकारियों के एक वर्ग का पुलिस के साथ संघर्ष हो गया था और कुछ ने लाल किले पर धार्मिक झंडा फहरा दिया था। एसकेएम ने एक बयान में कहा, (रेल रोको) दोपहर 12 बजे से शाम चार बजे के बीच होगा जिसे समूचे देश का समर्थन मिलने की उम्मीद है। बयान में कहा गया है कि एसकेएम ने हरियाणा, उत्तर प्रदेश, पंजाब और राजस्थान के पार्टी के निर्वाचित नेताओं के साथ भाजपा अध्यक्ष, शाह और अन्य मंत्रियों की उच्च-स्तरीय बैठक का संज्ञान लिया है। 
एसकेएम ने कहा,  यह स्पष्ट है कि संघर्ष और मांगों का हल निकालने के बजाय भाजपा इसका मुकाबला करने और इसेनष्ट करने की पूरी कोशिश कर रही है। एसकेएम सत्ता पक्ष के इस रवैये की निंदा करता है।उसने मांग की कि सरकार किसानों के मुद्दे को तत्काल हल करे। संगठन ने कहा, एसकेएम ने संकल्प लिया है कि वह संघर्ष को तेज करेगा और आंदोलन के समर्थन में अधिक किसानों को जुटाएगा।
केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और उनके कैबिनेट सहयोगी संजीव बाल्यान भी मंगलवार को शाह और नड्डा द्वारा बुलाई गई बैठक में शामिल हुए थे। किसान तीन नये कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग को लेकर पिछले साल 28 नवंबर से दिल्ली की सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे हैं। इन में अधिकतर किसान पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के हैं। एसकेएम ने कहा कि उत्तर प्रदेश के बिलारी में बुधवार को हुई महापंचायत में बड़ी तादाद में किसानों ने हिस्सा लिया जो संकेत करता है कि किसानों का आंदोलन और मजबूत हो रहा है। 
संगठन ने आरोप लगाया कि मुजफ्फरनगर में ऑल इंडिया कृषक खेत मजदूर संगठन द्वारा आयोजित शांतिपूर्ण प्रदर्शन में एक संगठन ने हमला कर दिया। एसकेएम ने आरोप लगाया कि हमलावरों ने बैनर, तख्तियों और प्रदर्शनकारियों के ‘ साउंड सिस्टम ‘ को तोड़ दिया। उन्होंने आरोप लगाया कि स्थानीय ‘ पुलिस ने कार्रवाई नहीं ‘ की। सरकार और किसान नेताओं के बीच 11 दौर की बातचीत हो चुकी है लेकिन कोई हल नहीं निकल सका है। 

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