देश में पिछले डेढ़ साल से अधिक से कोरोना वायरस का खतरनाक काल चल रहा है। ऐसे में बड़े-बड़े क्षेत्र आर्थिक मंदी से जूझ रहे है, इनका समाधान निकालते हुए केंद्र सरकार ने इन सभी सेक्टरों को कुछ हद तक राहत प्रदान की है। केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने बुधवार को कहा कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने भारत की विनिर्माण क्षमताओं को बढ़ाने के लिए ऑटो, ऑटो कलपुर्जा और ड्रोन उद्योग के लिए 26,058 करोड़ रुपये की उत्पादन आधारित प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना को मंजूरी दी।
पीएलआई योजना भारत में उन्नत ऑटोमोटिव तकनीक की वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला के विकास को प्रोत्साहित करेगी। इस कदम से 7.6 लाख से अधिक लोगों को अतिरिक्त रोजगार मिलने का अनुमान है। ठाकुर ने मंत्रिमंडल की बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा कि उद्योग को पांच साल में 26,058 करोड़ रुपये का प्रोत्साहन दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि पीएलआई योजना के तहत पांच वर्षों में 42,500 करोड़ रुपये से अधिक का नया निवेश होगा और 2.3 लाख करोड़ रुपये से अधिक का वृद्धिशील उत्पादन होगा।
दूरसंचार क्षेत्र के लिए सरकार ने किया बड़ा ऐलान-
सरकार ने बुधवार को दूरसंचार क्षेत्र में बड़े सुधारों की घोषणा की। इसके तहत दूरसंचार क्षेत्र के लिये राहत पैकेज को मंजूरी देने के साथ स्वत: मंजूर मार्ग से 100 प्रतिशत प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) की अनुमति दी गयी है। राहत पैकेज में दूरसंचार कंपनियों के ऊपर सांविधिक बकाये के भुगतान पर चार साल के लिये रोक यानी मोहलत दी गयी है।
वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की बैठक के बाद निर्णय की जानकारी देते हुए दूरसंचार मंत्री अóश्विनी वैष्णव ने कहा कि दूरसंचार क्षेत्र के लिये नौ संरचनात्मक सुधारों को मंजूरी दी गयी है। सकल समायोजित राजस्व (एजीआर) की परिभाषा को युक्तिसंगत बनाते हुए इसमें से दूरसंचार क्षेत्र से इतर होने वाली आय को हटा दिया गया है।
दूरसंचार क्षेत्र में दबाव का एक प्रमुख कारण एजीआर का मुद्दा था। मंत्री ने कहा कि मंत्रिमंडल ने स्वत: मंजूर मार्ग से 100 प्रतिशत एफडीआई की भी अनुमति दी है। उन्होंने कहा कि अन्य उपायों में बकाया, एजीआर और स्पेक्ट्रम बकाया भुगतान पर चार साल की मोहलत शामिल हैं। इन उपायों से दूरसंचार क्षेत्र में कुछ कंपनियों के समक्ष उत्पन्न नकदी की समस्या दूर होगी।