संसद के मानसून सत्र में कृषि कानूनों और पेगासस विवाद समेत अन्य मुद्दों को लेकर विपक्षी दलों के हंगामे के चलते राज्यसभा की कार्यवाही लगातार बाधित हो रही है। आज फिर कार्रवाई के दौरान हुए हंगामे को देखते हुए उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति वेंकैया नायडू भावुक हो गए।
सभापति ने सदन में विपक्ष के बर्ताव की निंदा करते हुए कहा कि संसद में जो हुआ, उससे मैं बहुत दुखी हूं। कल जब कुछ सदस्य टेबल पर आए, तो सदन की गरिमा को चोट पहुंची और मैं पूरा रात नहीं सो पाया। राज्यसभा सभापति ने विपक्ष की लगातार मांग पर कहा कि आप सरकार को इस बात के लिए फोर्स नहीं कर सकते कि वो क्या करे, क्या नहीं?
दरअसल, मंगलवार को राज्यसभा में हंगामे के वक़्त कांग्रेस के एक सांसद ने मेज पर चढ़कर आसन की ओर रूल बुक फेंक दी। सूत्रों की मानें तो राज्यसभा के सभापति वेंकैया नायडू हंगामे को लेकर विपक्षी सांसदों के खिलाफ एक्शन ले सकते हैं। वहीं केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, सदन के नेता पीयूष गोयल और अन्य बीजेपी सांसदों ने आज सुबह नायडू से मुलाकात की है।
विभिन्न मुद्दों पर विपक्षी दलों के सदस्यों द्वारा आसन के समक्ष आ कर हंगामा किए जाने का संदर्भ देते हुए सभापति नायडू ने कहा कि संसदीय परंपराओं को ताक पर रखने के लिए मानो होड़ सी मची हुई है। उन्होंने कहा कि कल जो अप्रिय घटना हुई, उस समय सदन में कृषि क्षेत्र की समस्याओं और उनके समाधान पर चर्चा हो रही थी जो एक महत्वपूर्ण विषय है।
नायडू ने हंगामे का संदर्भ देते हुए कहा कि सदस्य सरकार को अपनी मांग को लेकर बाध्य नहीं कर सकते। सभापति अपनी बात कह रहे थे, इसी दौरान विपक्षी सदस्यों ने अपने अपने मुद्दों पर चर्चा की मांग को लेकर हंगामा शुरू कर दिया। हंगामे के चलते सभापति ने बैठक शुरू होने के करीब पांच मिनट बाद ही कार्यवाही दोपहर बारह बजे तक के लिए स्थगित कर दी।
गौरतलब है कि कल मंगलवार को, दो बार के स्थगन के बाद दोपहर दो बजे जब बैठक पुन: शुरू हुई तो पेगासस जासूसी विवाद सहित विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की मांग को लेकर अड़े विपक्षी सदस्यों का सदन में हंगामा फिर शुरू हो गया। हंगामे के बीच ही पीठासीन अध्यक्ष भुवनेश्वर कालिता ने ‘‘देश में कृषि से संबंधित समस्याओं और उनके समाधान’’ पर अल्पकालिक चर्चा शुरू कराई।
इसी दौरान विपक्षी दलों के कुछ सदस्य आधिकारिक मेज पर चढ़ गए, उन्होंने काले कपड़े लहराए और कुछ दस्तावेज फेंके। आधिकारिक मेज पर राज्यसभा के महासचिव, अधिकारी और रिपोटर काम करते हैं। कल भी घटना के दौरान ये लोग वहीं काम कर रहे थे। सदन में अव्यवस्था के चलते पीठासीन अध्यक्ष कालिता ने दो बज कर 17 मिनट पर बैठक पंद्रह मिनट के लिए स्थगित कर दी थी।
पंद्रह मिनट बाद उन्होंने हंगामे के चलते बैठक और आधे घंटे के लिए स्थगित कर दी थी। आधे घंटे बाद यानी दोपहर करीब तीन बजे बैठक जब फिर शुरू हुई तो विपक्षी सदस्यों के हंगामे के बीच पीठासीन अध्यक्ष भुवनेश्वर कालिता ने घोषणा की कि उपसभापति ने विभिन्न दलों के नेताओं को विचारविमर्श के लिए अपने कक्ष में आमंत्रित किया है।
इसके बाद उन्होंने बैठक को एक घंटे के लिए स्थगित कर दिया। इसके बाद जब चार बजे उच्च सदन की बैठक पुन: शुरू हुई तो हंगामे के बीच, कालिता ने बैठक को दिन भर के लिए स्थगित कर दिया था।