राज्यसभा के सभापति एम. वेंकैया नायडू ने शुक्रवार को यानी आज कहा कि वह राज्यसभा की घटनाओं से वह ‘बहुत व्यथित’ हैं। उनके मुताबिक कागज छीनना और फाड़ना लोकतंत्र पर एक स्पष्ट हमला है। सदन की कार्यवाही शुरू होते ही नायडू ने कहा, मैं सदन में होने वाली घटनाओं से बहुत व्यथित हूं। दुर्भाग्य से सदन की कार्यवाही एक नए निचले स्तर पर पहुंच गई और कागजात छीन लिए गए। इस तरह की कार्रवाई हमारे संसदीय लोकतंत्र पर एक स्पष्ट हमला है।
वह गुरुवार की घटना पर टिप्पणी कर रहे थे, जब आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव पेगासस जासूसी विवाद पर एक बयान पढ़ रहे थे और तृणमूल कांग्रेस के सांसदों ने उनके हाथों से रिपोर्ट छीन ली और राज्यसभा के पटल पर उसके टुकड़े-टुकड़े कर दिए। पत्रकार से सांसद बने स्वप्न दासगुप्ता ने कहा, टीएमसी के कुछ सांसदों ने मंत्री के हाथ से कागज लिया और उसे फाड़ दिया। यह अस्वीकार्य है। बता दें कि पेगासस जासूसी विवाद को लेकर राज्यसभा में जमकर हंगामा हो रहा है।
इसी हंगामे में नेताओं ने असंसदीय व्यवहार करना भी शुरू कर दिया है। दरअसल, राज्यसभा में कल सूचना प्रौद्योगिकी और संचार मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इजराइली स्पाईवेयर पेगासस के जरिए भारतीयों की कथित जासूसी के आरोपों को पूरी तरह से खारिज किया था। इस दौरान तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) सांसद शांतनु सेन ने कुछ कागज फाड़ डाले और उसके टुकड़ों को हवा में लहरा दिया। उनकी इस हरकत पर एक्शन लेते हुए उन्हें अशोभनीय आचरण के लिए मौजूदा सत्र कि शेष अवधि के लिए निलंबित कर दिया गया है।