इस समय देश में एक देश, एक चुनाव को लेकर राजनीतिक गलियारों से लेकर आम जनता की बैठकों में बहस जारी है।इसी दौरान लॉ कमीशन के चेयरपर्सन रितु राज अवस्थी ने इसको लेकर बड़ी टिप्पणी की। उन्होंने कहा, एक देश में एक चुनाव कराने से पहले सरकार को संविधान में कुछ अहम बदलाव करने होंगे।
लॉ कमीशन के चेयरपर्सन ने दिया बड़ा बयान
आपको बता दें रितु राज अवस्थी कर्नाटक हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश हैं और 22वें विधि आयोग के अध्यक्ष भी हैं।सरकार ने विधि आयोग को यह जिम्मेदारी सौंपी है कि वह एक ऐसी प्रक्रिया के बारे में सरकार को बताए जिससे देश में होने वाले चुनाव को एक लाइन में लाया जा सके। रितुराज अवस्थी ने एक देश एक चुनाव की समय सीमा बताने से इंकार कर दिया।
संघीय ढांचे पर होने वाले बदलाव और प्रभाव को लेकर बहस शुरू
दरअसल, केंद्र की मोदी सरकार ने एक देश, एक चुनाव की संभावनाओं को लेकर देश के पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में एक कमेटी का गठन किया है। यह कमेटी देश में एक चुनाव की संभावनाओं और उसके क्रियान्वयन को लेकर काम कर रही है। इस कमेटी के गठन के बाद से ही पूरे देश में इसके राजनीति, संविधान और पूरे देश के संघीय ढांचे पर होने वाले बदलाव और प्रभाव को लेकर बहस शुरू हो गई है।
कानूनी संभावनाओं को तलाशने के लिए काम कर रहे
सूत्रों के मुताबिक, लॉ कमीशन के अध्यक्ष ने कहा, पूरे देश भर में एक साथ चुनाव कब होंगे इसके बारे में अभी कहना मुमकिन नहीं है। इसकी एक टाइमलाइन नहीं बताई जा सकती है न ही इस टाइमलाइन को तय करना मुमुकिन है।हम इसकी कानूनी संभावनाओं को तलाशने के लिए काम कर रहे हैं, क्योंकि ऐसा करना नामुमकिन भी नहीं है।