आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने आज हैरानी जताई कि भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार विशेष राज्य का दर्जा सहित प्रदेशों की विभिन्न मांगों को लेकर इतना ”सख्त” रूख क्यों अपना रही है। यहां जारी एक प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, नायडू ने अपनी पार्टी के विधि निर्माताओं और अन्य नेताओं के साथ आज सुबह ”टेली- कांफ्रेंस” की जिसमें यह मुद्दा उठा।
तेदेपा प्रमुख ने यह कहा कि उन्हें समझ नहीं आ रहा है कि भाजपा के इस रूख के पीछे उसकी क्या रणनीति हो सकती है। उन्होंने कहा, ”हमने केंद्रीय मंत्रिमंडल से दो अपने दो मंत्रियों को हटा लिया और फिर राजग छोड़ दी । हम मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव भी लेकर आए। तब भी केंद्र अडिग है। इस अड़ियल रवैये के पीछे उसकी क्या रणनीति हो सकती है।”
तेलुगु देशम पार्टी ने कल केंद्र की आलोचना करते हुए कहा था कि वह लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव का सामना करने से भाग रही है और उसने इसे ”राजनीतिक आत्महत्या” बताया। नायडू ने यह भी कहा कि राज्य के खिलाफ केंद्र के इस सख्त के पीछे विश्वास का क्या स्रोत है। उन्होंने कहा, ”राज्य के लोग देख रहे हैं और वे इन सबको समझेंगे।”
उन्होंने कहा कि तेलंगाना के अलग होने के बाद आंध्र प्रदेश को 20 साल पीछे धकेल दिया गया। उन्होंने कहा, ”केंद्र को इस खाई को भरने में कितनी मदद करनी चाहिए? उसने जो किया वह मामूली था। अभी तक जो मदद की गई वह जरुरत के मुताबिक बेहद कम है।”
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