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चंद्रयान-2 : लैंडर ‘विक्रम से संपर्क टूटा, अभी आंकड़ों का इंतजार किया जा रहा है – ISRO

चांद से 2.1 किमी दूर तक चंद्रयान-2 से संपर्क था लेकिन फिलहाल संपर्क टूट गया है। इसरो चीफ के मुताबिक, अभी आंकड़ों का इंतजार किया जा रहा है।

चंद्रयान-2 के लैंडर ‘विक्रम’ की चांद की सतह पर ऐतिहासिक ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ पर न सिर्फ भारत की बल्कि पूरी दुनिया की नजर थी। लेकिन चांद से 2.1 किमी दूर तक चंद्रयान-2 से संपर्क था लेकिन फिलहाल संपर्क टूट गया है। इसरो चीफ के मुताबिक, अभी आंकड़ों का इंतजार किया जा रहा है। आपको बता दे कि आखिरी 15 मिनट चुनौतियों से भरे होंगे। ये बात इसरो ने पहले ही बता दी थी।

LIVE UPDATE : –

– PM मोदी ने स्कूल के बच्चों से बात की।  
– जीवन में उतार-चढ़ाव आते रहते हैं। यह कोई छोटी उपलब्धि नहीं है। देश आप लोगों की मेहनत पर गर्व करता है. मेरी ओर से आप सब को बधाई. आप लोगों ने विज्ञान और मानव जाति की काफी सेवा की है। आगे भी प्रयास जारी रहेगा। मैं पूरी तरह आपके साथ हूं। ऑल द बेस्ट  : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
– आप देश की शान हो आपने मानव जाति को बहुत कुछ दिया है – PM मोदी  
– चांद से 2.1 किमी दूर तक चंद्रयान-2 से संपर्क था लेकिन फिलहाल संपर्क टूट गया है। इसरो चीफ के मुताबिक अभी आंकड़ों का इंतजार किया जा रहा है।
– लैंडर ‘विक्रम से संपर्क टुटा – ISRO 
– लैंडर ‘विक्रम से संपर्क नहीं हो पा रहा है ।
– थोड़ी देर में चंद्रयान-2 के बारे में जानकारी देंगे वैज्ञानिक।
– इसरो मुख्यालय से निकले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी।
– अब चांद से महज 200 मीटर दूर है लैंडर विक्रम।
–  लैंडर ‘विक्रम’ के चंद्रमा पर उतरने की प्रक्रिया शुरू।
– इतिहास रचने से चंद कदम की दूरी पर चंद्रयान-2 
– देश के अलग अलग हिस्सों से चुन कर आए 60 बच्चे भी इसरो मुख्यालय में मौजूद हैं
– बेंगलुरू के इसरो मुख्यालय में पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी।
– 1 बजकर 52 मिनट पर होगी सॉफ्ट लैंडिंग।
– प्रधानमंत्री इसरो केंद्र से ऐतिहासिक क्षण का हिस्सा बनने के लिए बेंगलुरु पहुंचे।  
– चांद में लैंडिंग के पहले आखिरी 15 मिनट होंगे बेहद चुनौतीपूर्ण।
– 70 छात्र-छात्राएं भी इसरो सेंटर में रहेंगे मौजूद।
– रोवर ‘प्रज्ञान’ करेगा चांद की सतह पर कई परीक्षण ।
– चंद्रयान-2 का मॉड्यूल विक्रम चंद्रमा पर 1 बजकर 55 मिनट पर करेगा सॉफ्ट लैंडिंग।
– भारत के Chandrayaan-2 के चंद्रमा पर उतरने को लेकर अमेरिकी वैज्ञानिकों में भी उत्साह।
– विक्रम की लैंडिंग के वक्त इसरो सेंटर में होंगे पीएम मोदी।
– चंद्रयान-2 को उतरे देखें, और तस्वीर साझा करें लोग : प्रधानमंत्री।
– ‘विक्रम’ की सॉफ्ट लैंडिंग की सभी तैयारियां पूरी 
– चंद्रयान-2 की परियोजना निदेशक वनिता को उनके सहपाठी सम्मानित करेंगे। 
– इसरो की आधिकारिक वेबसाइट पर चंद्रयान-2 लैंडिंग की लाइव स्ट्रीमिंग होगी। 
– प्रेस इंफॉरमेशन ब्यूरो (PIB) भी अपने YouTube पेज पर लाइव स्ट्रीमिंग दिखाएगा।
– चांद पर सफल लैंडिंग के लिए तमिलनाडु में चंद्रमा भगवान की होगी पूजा।
– चंद्रयान-2 की परियोजना निदेशक वनिता को उनके सहपाठी सम्मानित करेंगे। 
PM मोदी इसरो में विद्यार्थियों संग चंद्रयान-2 की लैंडिंग देखेंगे
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार को चंद्रयान-2 के चंद्रमा की सतह पर उतरने के अंतिम पड़ाव को देखने के लिए बेंगलुरू के इसरो मुख्यालय में विद्यार्थियों संग उपस्थित रहेंगे। 
अधिकारियों ने कहा कि मोदी उपग्रह नियंत्रण केंद्र(एससीसी), इसरो टेलीमेट्री, ट्रैकिंग एंड कमांड नेटवर्क (आईएसटीआरएसी) के जरिए चंद्रयान-2 के चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर उतरने की अंतिम प्रक्रिया का साक्षी बनेंगे। 
इसके साथ ही वह ‘स्पेस क्विज’ के विजेताओं के साथ बातचीत भी करेंगे। ‘स्पेस क्विज’ कक्षा 8 से 10 तक के विद्यार्थियों के लिए आयोजित किया गया था और इसमें विजयी विद्यार्थियों को इसरो में चंद्रयान-2 के चंद्रमा पर उतरने की अंतिम प्रक्रिया को देखने के लिए आमंत्रित किया गया है।
रोवर चांद पर बनाएगा अशोक की लाट और इसरो का प्रतीक चिह्न
आपको बता दे कि अमेरिका ने चांद पर भेजे गए अपने पहले मानव मिशन अपोलो 2011 के दौरान चांद पर झंडा लहराया था। अमेरिका का अपोलो 2011, 20 जुलाई 1969 को चांद पर उतरा था। वहीं, भारत चंद्रयान 2 की लैंडिंग के बाद चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर चप्पे-चप्पे पर सदियों के लिए अपनी उपस्थिति का निशान दर्ज करा देगा। चंद्रयान-2 का रोवर चांद पर जांच करने के दौरान जगह-जगह अशोक की लाट और इसरो का प्रतीक चिह्न बनाएगा। इसके लिए रोवर में खास व्यवस्था की गई है।
 
चंद्रयान-2 से मानव सभ्यता को होगा फायदा
धरती से अगल अंतरिक्ष में खोजों के बारे में पिछले कुछ सालों में भारत का योगदान महत्वपूर्ण रहा है. चंद्रयान-2 एक महत्वपूर्ण मिशन है। जो कि हमें यह जानने में मदद करेगा कि चांद पर पानी का अस्तित्व है या नहीं। उन्होंने कहा कि इस जानकारी से सिर्फ भारत को ही नहीं बल्कि पूरी मानव सभ्यता को फायदा होगा।

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