पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने टीकों की कीमतों को लेकर सरकार पर सवाल उठाए और पूछा कि सरकार अनिवार्य लाइसेंस क्यों नहीं मंगवा रही है। पूर्व वित्त मंत्री ने ट्वीट कर लिखा, क्या जो लोग 400 और 600 रुपये के कोविशिल्ड की कीमत को सही ठहरा रहे हैं, वही आज कोवैक्सीन की 600 और 1200 रुपये की कीमतों को सही ठहरा रहे हैं।
क्या जो लोग 400 और 600 रुपये के COVISHIELD मूल्यों को सही ठहराते हैं, वे भी आज घोषित 600 और 1200 रुपये के COVAXIN मूल्यों को सही ठहराएंगे?
— P. Chidambaram (@PChidambaram_IN) April 24, 2021
चिदंबरम ने दूसरे ट्वीट में कहा, सरकार खड़ी है (असहाय नहीं) और चुपचाप दोनों निमार्ताओं की निंदा और शोषण का समर्थन कर रही है। सरकार अनिवार्य लाइसेंसिंग के प्रावधान को क्यों नहीं लागू कर रही है।
सरकार खड़ी है (असहाय नहीं) और चुपचाप दोनो निर्माताओं द्वारा निंदनीय मुनाफाखोरी और शोषण का समर्थन कर रही है।सरकार ‘अनिवार्य लाइसेंसिंग’ के प्रावधान को लागू क्यों नहीं कर रही है?— P. Chidambaram (@PChidambaram_IN) April 24, 2021
भारत बायोटेक ने कहा है कि उसकी कोवैक्सीन की कीमत राज्य सरकारों के लिए 600 रुपये और निजी अस्पतालों के लिए 1,200 रुपये होगी, जबकि अन्य वैक्सीन निर्माता सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने कहा है कि वह ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका द्वारा विकसित अपने कोविशिल्ड की खुराक राज्यों को 400 और निजी अस्पतालों को 600 रुपये में बेचेगा। कई मुख्यमंत्रियों ने टीकों के अलग-अलग दाम पर सवाल उठाये हैं और सभी के लिए एक समान मूल्य निर्धारण करने के लिए कहा है।